अंबुबाची मेला: पारंपरिक असमिया व्यंजनों की आसान रेसिपी

परिचय (Introduction):

अंबुबाची मेला असम के एक प्रमुख त्यौहार है। यह असम के गुवाहाटी स्थित कामाख्या मंदिर में मनाया जाता है, यह मेला मातृभूमि शक्ति को समर्पित होता है, इसी दौरान कामाख्या देवी मंदिर में भक्त इकट्ठा होते हैं। और पूजा अर्चना करते हैं, अंबुबाची मेला के दौरान असम में कई तरह के पारंपरिक स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जाते हैं। इस व्यंजन को बनाने के लिए असम की स्थानीय सामग्री और पारंपरिक रसोई का भी ध्यान रखा जाता है, आईए जानते हैं इस त्यौहार के दौरान बनाए जाने वाले प्रमुख व्यंजनों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

पीठा (Pitha):(til pitha Assam)

पीठा असम का एक महत्वपूर्ण व्यंजन है। जिसे खास त्यौहार पर बनाए जाते हैं, अंबुबाची मेला के समय में भी पीठा का विशेष महत्व होता है, इसलिए वह समय पीठा बनाता है। यह चावल के आटे से बनता है और इसमें नारियल और गुड़ भराई जाती है

सामग्री (Material):

इसमें 2 कप चावल का आटा।

1 कप नारियल।

1/ 2 कप गुड़।

2/ 4 चम्मच इलायची पाउडर।

स्वाद के अनुसार नमक।

पानी।

बनाने की विधि (Method of preparation):

  1. सबसे पहले अच्छे चावल ढूंढते हैं, और आटे को पानी के साथ मिश्रण करके तैयार किया जाता है। 

2. अब वह 5 मिनट के लिए ढककर रख देते हैं। 

3. अब एक बर्तन में नारियल और गुड़ को पकाएं, जब तक गुड़ पिघलकर नारियल में अच्छे से मिल ना जाए। 

4. गुड़ और नारियल को ठंडा होने के लिए छोड़ दीजिए, जब ठंडा हो जाए तो इसमें इलायची पाउडर मिलाएं।  

5. अब चावल के आटे से छोटी-छोटी लड्डू बनाएं और उसमें नारियल और गुड़ की भराई करें। 

6. अब पीठा को 10-15 मिनट के लिए ढककर रख दीजिए। 

7. अब आप पीठा को तवे में पकाएं।

8. तैयार किया हुआ पीठा मां कामाख्या को भोग के रूप में अर्पित करें, और फिर सभी भक्तों को बांटें।

जोलगुटी (Jolpan):

जोलगुटी जिसे असमिया में “जलपान” भी कहा जाता है। यह असम का पारंपरिक नाश्ता है, अंबुबाची मेला के समय में यह व्यंजन भी बनाए जाते हैं। इसे खासकर पूजा पाठ और धार्मिक अवसर पर परोसा जाता है।

सामग्री (Material):

इसमें 1 कप चावल।

1/ 2 कप दही।

2/ 4 कप गुड़। 

2/ 4 कप दूध।

1 चम्मच भुना हुआ तिल।

1 केला।

बनाने की विधि (Method of preparation):

  1. सबसे पहले चावल को हल्के से धोए और इसका पानी निकाल ले। 

2. अब इसमें दही और दूध मिलाकर मिश्रण कीजिए। 

3. इसके ऊपर गुड़ और तिल डालें। 

4. अब कटे हुए एक केले को टुकड़े करके इसमें डालें और परोसे।

5. जोलगुटी का यह नाश्ता बहुत ही स्वादिष्ट और लाजवाब होता है, जिसे मां कामाख्या को अर्पित किया जाता है और भक्तों को परोसे जाते है।

खिचड़ी (Khichadee):

अंबुबाची मेला के दौरान खिचड़ी एक पारंपरिक और महत्वपूर्ण व्यंजन है। और यह बनाने में बहुत ही आसान लगता है, इसे चावल और मूंग दाल को मिश्रण करके बनाया जाता है। और सादगी और शुद्धता का प्रतीक भी माना जाता है।

सामग्री (Material):

इसमें 1 कप बासमती चावल।

1/ 2 कप मूंग दाल। 

1 चम्मच हल्दी पाउडर। 

1 चम्मच जीरा पाउडर।

2/ 3 हरी मिर्च। 

1 चम्मच घी। 

स्वाद के अनुसार नमक।

3/ 4 कप पानी।

बनाने की विधि (Method of preparation):

  1. सबसे पहले बासमती चावल और मूंग दाल अच्छे से धोकर 15-20 मिनट के लिए भिगा दे। 

2. अब एक कुकर में घी गर्म करें और उसमें जीरा और हरी मिर्च डालकर हल्के भूने। 

3. अब इसमें हल्दी पाउडर और भिगा हुआ चावल और मूंग दाल डालें और तीन-चार मिनट तक भूने। 

4. अब इसमें पानी और नमक डालकर कुकर का ढक्कन बंद करें और तीन-चार सिटी आने तक पकाएं। 

5. खिचड़ी तैयार होने पर सबसे पहले मां कामाख्या को भोग के रूप में अर्पित करें और सारे भक्तों को बांटें।

लारू (Laru):(bihu sweet dish)

लारू भी असम का एक पारंपरिक व्यंजन है। यह खासकर अंबुबाची मेला में बनाया जाता है, यह नारियल और गुड़ से बनाया जाता है। और यह बनाना बहुत ही आसान है यह बहुत ही स्वादिष्ट और खास व्यंजन होता है।

सामग्री (Material):

इसके लिए सबसे पहले 1 नारियल।

1/ 2 कप गुड़। 

2/ 4 चम्मच इलायची पाउडर। 

1 चम्मच घी। तैयार करिए।

बनाने की विधि (Method of preparation):

  1. सबसे पहले एक कटोरी में घी गर्म करें और नारियल डालकर हल्का हाथों से भूने। 

2. अब इसमें गुड़ डालें और हल्का हाथों से नारियल और गुड़ को भूने जब तक गुड़ पिघलकर न जाए।

3. अब यह ठंडा होने के लिए थोड़े टाइम छोड़ दीजिए, ठंडा होने के बाद इसको छोटे-छोटे लड्डू बना ले। 

4. तैयार करके यह मिठाई सबसे पहले मां कामाख्या देवी को भोग के रूप में अर्पित करें, और सारे भक्तों को परोसे।

ओटिंगर साग (Otinger Saag):

ओटिंगर साग ओल की पत्तियों का साग भी कहा जाता है। असम का एक स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन है, यह साग बहुत ही सरल तरीके से बन जाता है। इसे बनाना बहुत ही आसान है, इसका स्वाद भी बहुत ही लाजवाब होता है। और यह सेहत के लिए भी बहुत ही अच्छे होते हैं, अंबुबाची मेला के समय यह व्यंजन विशेष रूप से तैयार किया जाता है।

सामग्री (Material):

पहले साग के पत्तियों को काटे।  

1/ 2 कप तिल। 

2/ 3 हरी मिर्च।  

1 चम्मच सरसों के तेल। 

नमक स्वाद के अनुसार।

बनाने की विधि (Method of preparation):

  1. सबसे पहले ओटिंगर साग को अच्छे से धोकर इसे काटे। 

2. इसमें तिल को सूखा भून लें थोड़े टाइम के लिए। 

3. इसे पीसकर पाउडर बना ले। 

4. अब एक कटोरी में सरसों का तेल गर्म करें और उसमें हरी मिर्च भी दे। 

5. अब ओटिंगर साग थोड़े टाइम के लिए पकाए। 

6. अब इसमें तिल का पाउडर और स्वाद के अनुसार नमक डालें और अच्छे से पकाएं। 

7. अब इसको थोड़े टाइम पकाने के बाद निकाल दे और सबसे पहले मां कामाख्या को भोग के रूप में अर्पित करें और सारे भक्तों को एक-एक करके परोसे।

पोरा पिठा (Pora Pitha):

असम का एक और महत्वपूर्ण व्यंजनों में से पोरा पिठा एक है। जो खासतौर पर अंबुबाची मेला के दौरान बनाया जाता है, यह चावल के आटे से बनाया जाता है। यह बनाना भी बहुत ही आसान है और यह बहुत ही स्वादिष्ट और लाजवाब होता है।

सामग्री (Material):

इसमें सबसे पहले 2 कप चावल का आटा।

1 नारियल। 

1/ 2 कप गुड़। 

1 चम्मच घी। तैयार करें।

बनाने की विधि (Method of preparation):

  1. सबसे पहले चावल के आटे को पानी के साथ थोड़े टाइम गूंध लें। 

2. अब एक कटोरी में नारियल और गुड़ को मिश्रण करके थोड़े टाइम के लिए पकाएं, जब तक गुड अच्छे से पिघल ना जाए। 

3. अब आटे की छोटा-छोटा लड्डू बनाएं और इसमें नारियल और गुड़ का मिश्रण करें। 

4. अब आग में तवे पर घी लगाकर पिठा को अच्छे से पकाएं। 

5. अब तैयार होने के बाद पोरा पिठा को मां कामाख्या देवी को भोग के रूप में अर्पित करें, और सभी को बांट दे और सभी के साथ मिलकर इसका आनंद ले।

तिल लाडू (Til Laddu):(assam famous sweets pitha)

तिल का लाडू भी असम का एक पारंपरिक और महत्वपूर्ण मिठाई है। यह भी अंबुबाची मेला के दौरान बनाए जाते हैं, तिल के लाडू बनाना बहुत ही आसान है और यह बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है। सेहत के लिए भी यह लाडू बहुत ही अच्छा होता है।

सामग्री (Material):

इसमें सबसे पहले 1 कप भुना हुआ तिल। 

1/ 2 कप  गुड़। 

1 चम्मच घी, तैयार करें।

बनाने की विधि (Method of preparation):

  1. सबसे पहले तिल को हल्के से भून लें और एक प्लेट में रखें।

2. अब एक कटोरी में गुड और घी गर्म करें जब तक गुड अच्छे से पिघल ना जाए।

3. पूरी तरह से घी पिघल जाए तो इसमें भुने हुए तिल डालें और अच्छे से मिश्रण करें।

4. अब यह ठंडा होने के लिए थोड़े टाइम छोड़ दीजिए ठंडा होने के बाद इसमें छोटे-छोटे लाडू बना ले।

5. लाडू बनाकर तैयार होने के बाद ठंडा होने के लिए छोड़ दीजिए। और ठंडा होने के बाद सबसे पहले मां कामाख्या देवी को भोग के रूप में अर्पित करें और सब मिलकर इसका आनंद उठाएं।

निष्कर्ष (Conclusion):

अंबुबाची मेला असम का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। अंबुबाची मेला असम का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो देवी कामाख्या को समर्पित करते हैं। इस मेले में लोग एक साथ आकर पूजा-अर्चना करते हैं, और एक दूसरे के साथ मिलकर इस त्यौहार का आनंद उठाते हैं। इस दौरान जो व्यंजन बनाए जाते हैं वह असम की संस्कृति का हिस्सा होता है, और हर एक व्यंजन का अपना एक विशेष महत्व होता है। 

जैसे कि पीठा, जोलगुटी, खिचड़ी, लारू, ओटिंगर साग, और तिल लाडू। यह सभी व्यंजन न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि यह बनाना में बहुत ही आसान है। जब हम व्यंजनों को बनाते हैं और एक दूसरे के साथ बढ़ाता हैं तो यह हम सबके बीच प्यार, और एकता को बढ़ावा देता है। हर एक त्यौहार हमें अपनी परंपराओं को याद दिलाता है और हमें यह सिखाता है कि अपनी संस्कृति को बचाकर रखना चाहिए। आप भी इन रेसिपी को घर पर  बनाकर इस त्यौहार का आनंद उठा सकते हैं। यह केवल एक अवसर नहीं है, बल्कि हमारे परिवार, दोस्तों, रिश्तेदार, को एक साथ खुशियां बांटने का भी मौका है। उम्मीद है कि आपको यह व्यंजन और उनके बनाने की विधियां पसंद आई होगी। “अंबुबाची मेला की ढेर सारी शुभकामनाएं”

Sobha Devi is an experienced admin with a passion for writing. She brings a unique perspective to her work, blending creativity with insight

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