बिहू का स्वाद: असम का तिल पीठा

परिचय (Introduction):

असम का तिल पीठा बिहू असम के लिए पीठा सबसे खास मिठाइयां होती है। यह बिहू के समय में विशेष रूप से बनाया जाता है, यह ई अपने स्वाद के लिए प्रसिद्ध होता है, जिसमें चावल पीसकर आटे से बनाया जाता है। और इसमें गुड़,  और नारियल, का भी मिश्रण होता है, यह असम में सदियों से हो आ रहा है और यह असम की राज्य का संस्कृत हिस्सा होता है। अब पीठा क्या होता है, पीठा बनाने के लिए सामग्री, पीठा बनाने की बिधि, चावल आटा तैयार करना, ये सब के बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे:

असम का तिल पीठा क्या है? (What is Pitha?):


पीठा असम का एक प्रकार पारंपरिक व्यंजन होता है, जिसे चावल को पीसकर आटे से तैयार किया जाता है। यह खासतौर पर बिहू के समय में बनाया जाता है, पीठा विभिन्न प्रकार के होता है जिसमें तिल पीठा, नारियल पीठा, तिल गुड़ का मिश्रण करके भी पीठा होता है। लेकिन असम में विशेषकर तिल पीठा, बनाया जाता है, बिहू के समय में इसको शुभ माना जाता है, यह खाना इस त्यौहार के लिए महत्वपूर्ण है।

असम का तिल पीठा बनाने के लिए सामग्री (Ingredients for making Pitha):

असम का तिल पीठा बनाने के लिए ज्यादा सामग्री का जरूरत नहीं होता हैं। इसके लिए जरूरत होता है एक दो कप चावल, जो चावल को पीसकर आटा बनाता है, और हॉफ कप गुड एक नारियल, हाफ कप पानी, थोड़ा सा तेल से यह बहुत स्वादिष्ट बन जाता है।

असम का तिल पीठा बनाने की विधि (Method for making Pitha):

चावल आटा तैयार करना (Preparation of rice flour):

असम का तिल पीठा बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। घर का ताजा चावल का आटा बनाना चाहते हैं तो यह तरीका लगा सकते हैं।

1. सबसे पहले अच्छे किस्म के चावल साफ करके उसको एक बर्तन में रात भर के लिए भीगा देना चाहिए।

2. सुबह जल्दी उठकर वह चावल निकाल कर धूप में थोड़ी देर के लिए सूखा देना ताकि अच्छी तरह से पानी नमे।

3. अब वह चावल को मिक्सी या टोकरी किसी भी चीज में अच्छी तरह से पीसकर उसे आटा तैयार करें।

4. अब इस आटे को किसी साफ कपड़े में छान लें ताकि इसका हर हिस्सा एकसमान हो।

अगर आपको ताजा चावल का आटा नहीं बनाना है तो बाजार में तैयार किया गया चावल का आटा भी खरीद के सकते हैं, लेकिन ताजा आटा का पीठा अधिक स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है।

नारियल और गुड़ का मिश्रण तैयार करना (Preparing the Coconut and Jaggery Mixture):

  1. असम का तिल पीठा के अंदर भरने के लिए नारियल और गुड़ का मिश्रण तैयार करना होगा, इसके लिए यह तरीको से बना सकते हैं।

2. एक नारियल ले और उसे अच्छे से काट के थोड़ा-थोड़ा टुकड़ा करके नारियल एक बर्तन में डाले इसके बाद गुड को छोटे-छोटे टुकड़े करके उसको भी एक बर्तन में डाल सकते हैं। 

3. दोनों को एक साथ एक बर्तन में डालकर थोड़े टाइम के लिए छोड़ देना चाहिए ताकि वह अच्छे से भीग जाए, इस मिश्रण को तब तक छोड़ देना चाहिए जब तक गुड अच्छे से पिघल ना जाए।

4. अब आप चाहे तो इसमें थोड़ा सा इलायची पाउडर डाल सकते हैं, जिसके मिश्रण से वह बहुत स्वादिष्ट बन जाता है।

5. अब यह मिश्रण को ठंडा होने के लिए थोड़े टाइम के लिए छोड़ दीजिए, उसके बाद वह पीठा में डाल सकते हैं।

आटा गूंथना (Wheat flour plaiting):

  1. अब बारी आती है आटे को गूंथना यह अच्छी तरह से गूंथना चाहिए, ताकि पीठा का आकार अच्छे हो और अच्छी तरह से पीठा बन सके। 

2. आटे को एक बड़े बर्तन में लेकर उसमें थोड़ा-थोड़ा पानी मिलाकर नरम तरीके से आटा गूंथना चाहिए। 

3. आटा बहुत खड़ा या बहुत नरम भी होना नहीं चाहिए, इसका ध्यान रखना होगा यह अच्छी तरह से जुड़ना चाहिए।

4. अब यह आटे को 10-15 मिनट के लिए ढक कर रख देना चाहिए, यह थोड़ा सेट हो जाएगा उसके बाद ही पीठा बनाना चाहिए।

असम का तिल पीठा का आकार बनाना (shaping the pitha):

अब हम पीठा का आकार कैसा होता है, इसको कैसे दिखता है इसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे:-

  1. आटे को छोटी-छोटी लड्डू जैसा बनना होगा उसके बाद वह हल्का सा हाथ से बेलना पड़ता है।

2. ध्यान रखना चाहिए कि यह बहुत पतला भी नहीं होना चाहिए और बहुत ज्यादा टूट भी न जाए, इस काम का ध्यान रखना चाहिए।

3. अब इस बेली हुई रोटी के बीच में एक दो चम्मच नारियल और गुड का मिश्रण करें।

4. इसके बाद रोटी को किनारो से अच्छी तरह से मोड कर बंद कर दे, ताकि मिश्रण अच्छी तरह से हो और बाहर न निकले इसका भी ध्यान रखना चाहिए।

5. अब इसी प्रकार ही आटे और नारियल गुड़ का मिश्रण से पीठा तैयार हो जाता है, इसीलिए असम में इसका बहुत महत्व है।

पीठा सेंकना (Bake the pitha):

अब इस पीठा को तवा में थोड़ा सा तेल डालें और गर्म करें, इस तवा में रखकर थोड़े टाइम के लिए छोड़ देना चाहिए। जब एक तरफ से पीठा पक जाएगा तो उसको दूसरी तरफ पलट कर उसको थोड़े टाइम के लिए छोड़ देना चाहिए। ताकि अच्छी तरह से पका देना चाहिए ध्यान दीजिए की पीठा बहुत ज्यादा भी ना पके और कम भी न हो, जिसे अंदर से भी पूरा पकना चाहिए और बाहर से भी पका हुआ दिखाना चाहिए, दोनों तरफ से अच्छे से पक जाने के बाद पीठा को निकाल कर प्लेट या किसी भी बर्तन में रख सकते हैं।

पीठा परोसना (Serving Pitha):

पीठा को गरमा-गरम परोसना चाहिए, क्योंकि इसका स्वाद बहुत ही लाजवाब होता है। खासकर तब जब यह ताजा और गर्म हो, इसे आप अपने परिवार दोस्तों, या रिश्तेदार या किसी भी व्यक्ति को दे सकते हैं। और यहां खासकर असम में बिहू के समय बनाया जाता है। अगर आप चाहे तो इसे ठंडा भी खा सकते हैं, लेकिन इसे गर्म खाने का स्वाद बहुत अलग होता है। ठंडा होने से भी अच्छा होता है, लेकिन गर्म खाने से इसका स्वाद बहुत ही स्वादिष्ट होता है।

पीठा का सांस्कृतिक महत्व (Cultural significance of the pitha):

असम में बिहू के समय पीठा बनाना सिर्फ मिठाई बनाने का काम नहीं है, बल्कि यह परिवार और अपने रिश्तेदारों को एक साथ मिलकर यह त्योहार मनाया जाता हैं। इस त्यौहार का अवसर मिलता है बिहू के समय महिलाएं और परिवार के सदस्य मिलकर पीठा बनाते हैं, और इसे दोस्तों और रिश्तेदार अपने परिवार में बाढ़ के खाते हैं, यह मिठाई असमका एक धरोहर प्रतीक होता है। पूरे साल में एक बार मनाया जाता है, लेकिन बिहू के समय इसका महत्व बहुत ज्यादा होता है, इसीलिए पीठा को असम की एक महत्वपूर्ण व्यंजन भी माना जाता है।

असम में बनाया गया पीठा न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह पारंपरिक और संस्कृति का भी रंग भरा होता है। यह असम का एक पहचान होता है इसे बनाकर और खाने से आपको असम की खूबसूरती और संस्कृति का भी अनुभव होता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

असम के लिए पीठा पारंपरिक मिठाई है, जो न केवल स्वादिष्ट है बल्कि, सांस्कृतिक और परंपराओं का भी प्रतीक होता है। यह मिठाई विशेष अवसरों पर बनाया जाता है, विशेष खासकर बिहू में यह मिठाई बनाई जाती है। यह मिठाई बनाने के लिए ज्यादा समय नहीं लगता है, और ज्यादा समान भी जरूरत नहीं होता है। यह मिठाई चावल, नारियल, तेल से बनाया जा सकता है, इसका विभिन्न प्रकार का नाम होता है जैसे की तिल पीठा, नारियल पीठा, तिल और गुड़ पीठा लेकिन असम में तिल पीठा ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।

उनके लिए पीठा न केवल भोजन का एक हिस्सा होता है, बल्कि यह असम के पहचान और असम की स्वादिष्ट व्यंजन भी होता है। असम को इसी पीठा के नाम से भी जाना जाता है, असम का पीठा खाने से असम की स्वादिष्ट प्रकृति का भी स्वाद आता है, इस मिठाई को बनाना और असमिया परिवारों में एक परंपरा बन चुका है।


Sobha Devi is an experienced admin with a passion for writing. She brings a unique perspective to her work, blending creativity with insight

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