परिचय (Introduction):
Indian festival में त्योहारों का बहुत ज्यादा महत्व है। यह त्यौहार न केवल धार्मिक विश्वासों से जुड़ा है, बल्कि यह हमारे सामाजिक, और सांस्कृतिक, जीवन का भी अभिन्न हिस्सा है। लेकिन जैसे-जैसे समय बदल रहा है वैसे-वैसे हमारे त्योहार को मनाने का तरीका भी बदल रहा है। इस बदलाव में सबसे बड़ा योगदान सोशल मीडिया का है, social media ने भारतीय त्योहारों के रंग-बिरंगे रूप में कई बदलाव लाए हैं, आईए इस लेख में हम आपको सोशल मीडिया ने भारतीय त्योहारों को कैसे बदलाव दिया उसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
Festivals का प्रचार-प्रसार बड़ा (Big promotion of festivals):
सोशल मीडिया के दौरान त्योहारों का प्रचार-प्रसार बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। पहले लोग अपने आसपास के लोगों के साथ ही त्यौहार मनाते थे, लेकिन अब सोशल मीडिया के दौरान किसी भी त्यौहार के बारे में जानकारी पूरी दुनिया में आसानी से फैल जाती है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब इत्यादि। इसे लोगों को त्योहारों के बारे में जागरूक फैलता है, अब लोग न केवल अपने राज्य, देशों की त्योहारों को जानते हैं, बल्कि दूसरे राज्य और देशों के त्योहारों के बारे में भी अच्छे-अच्छे जानकारी ले सकते हैं। इसे संस्कृत का आदान-प्रदान बढ़ता है, और एक दूसरे के ज्ञान संस्कृति के प्रति अधिक सम्मान महसूस करने लगे हैं, सोशल मीडिया ने पूरी दुनिया को शिक्षा भी दे रखा है।
Online Congratulations संदेश और विशेज (Online Congratulations Messages and Wishes):
पहले लोग त्योहार के समय में एक दूसरे के घर जाकर बधाई देते थे, या फिर पोस्ट कार्ड चिड़िया को भेजते थे। लेकिन अब सोशल मीडिया के दौरान एक दूसरे को बधाई देते हैं, इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, इत्यादि द्वारा एक दूसरे को बधाई देते हैं। इससे समय की बचत होती है, और लोग एक ही समय पर सभी को बधाई दे सकते हैं, लेकिन इस बदलाव में लोगों के बीच व्यक्तिगत मुलाकात हो और रिश्ते में थोड़ी कमी भी लाई है।
Virtual Celebration और लाइव स्ट्रीमिंग (Virtual Celebration and Live Streaming):
सोशल मीडिया ने त्यौहारों को वर्चुअल रूप में मनाने का एक नई तरीका दिया है। अब लोग फेसबुक लाइव, इंस्टाग्राम लाइव, या यूट्यूब के दौरान त्योहारों का लाइव, स्ट्रीमिंग कर सकते हैं। इसे दूर-दूर रहने वाले रिश्तेदार, दोस्तों, सभी को आयोजनों का हिस्सा बन सकते हैं। खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान सोशल मीडिया बहुत ज्यादा बढ़ गया है, अब लोग किसी भी कार्यक्रम को घर बैठे लाइव देख सकते हैं, या फिर किसी भी काम घर बैठ कर सकते हैं, और अपने प्रियजनों के साथ मिलकर त्योहारों का आनंद ले सकते हैं।
Trends और चैलेंजेस का चलन (Trends and Challenges to Keep Up):
सोशल मीडिया पर त्योहारों के दौरान कई नए ‘ट्रेंड्स’ और चैलेंजेस देखने को मिलते हैं। जैसे की दिवाली पर दिया सजाओ चैलेंजे, होली पर होली लक चैलेंजे, दिवाली पर रंगोली बनाना चैलेंजे, या करवा चौथ पर “सोलह श्रृंगा चैलेंजे, इत्यादि। इसी प्रकार के चैलेंज से लोग त्योहार के प्रति अधिक से अधिक सुंदर बनाते हैं, और एक दूसरे के साथ त्योहार का मजा बढ़ाते हैं। इसी तरीके से न केवल त्यौहार का आनंद लेते हैं, बल्कि चैलेंजे से शामिल होकर अपने दोस्तों के साथ भी जुड़वा होने का महसूस करते हैं।
Online shopping और गिफ्टिंग का चलन (The trend of online shopping and gifting):
सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स आने से त्योहार के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग का चलन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। लोग अब अपने घर से ही त्योहारों के लिए कपड़े ऑनलाइन कर सकते हैं, इससे समय की बचत होती है। और लोग एक ही जगह पर विभिन्न प्रकार के गिफ्ट्स देख सकते हैं, इसके अलावा सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के माध्यम से विभिन्न अपने त्योहारों के स्पेशल ऑफर और डिस्काउंट की जानकारी दे सकते हैं। जिससे लोग त्योहार पर सस्ते और आकर्षक गिफ्ट खरीदने के लिए प्रेरित होते हैं।
Traditional customs में बदलाव (Changes in traditional customs):
सोशल मीडिया ने पारंपरिक रिवाजों को भी बदलाव लाया है। पहले लोग त्योहार के दिन पारंपरिक कपड़े पहनते थे, और पारंपरिक व्यंजनों का सेवन करते थे। लेकिन आजकल लोग सोशल मीडिया पर अपने त्यौहार के लुक्स को पोस्ट करने के लिए नए और फैशननवल कपड़े पहनते हैं, इसके अलावा नए-नए खाने आर्डर करते हैं। उदाहरण के लिए पहले दिवाली परलोग घर में ही मिठाई बनाते थे, लेकिन आजकल लोग बाजार, दुकान, या फिर ऑनलाइन से आर्डर करके चॉकलेट, गिफ्ट, एक-दूसरे पर आदान-प्रदान भी करते हैं।
Religious events की तस्वीरें और वीडियोज (Photos and videos of religious events):
सोशल मीडिया पर त्योहारों के दौरान धार्मिक आयोजन की तस्वीर वीडियो का चलन बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। लोग मंदिरों में पूजा-अर्चना करते समय या घर पर ही पूजा करते हुए अपनी तस्वीरे खिंचवा के सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं। इससे उनकी भक्ति और आस्था का प्रदर्शन होता है, हालांकि कुछ लोग इसे दिखाओ के रूप में भी करते हैं, लेकिन यह भी एक नया तरीका बन चुका है। जिससे लोग अपनी धार्मिक आस्था को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदर्शित करते हैं।
Social media पर त्योहारों की तैयारी (Preparation for festivals on social media):
त्योहारों के समय में लोग सोशल मीडिया पर देखकर घर को आसानी से सजाते हैं। लोग सोशल मीडिया पर रेसिपीज, डेकोरेशन, आईडियाज के बारे में जानकारी ले सकते हैं। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर कई पेज और ग्रुप्स होते हैं, जहां लोग अपने त्योहारों के अनुभव और तैयारी के सुझाव देते हैं, इसे लोगों को नए-नए इतिहास मिलते हैं और वे अपने त्यौहार को और भी खास बना सकते हैं।
Religious और सांस्कृतिक संवेदनशीलता (Religious and cultural sensitivities):
सोशल मीडिया के दौरान लोगों को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अधिक संवेदनशील बना दिया है। सोशल मीडिया पर लोग किसी भी त्यौहार से संबंधित गलत फेमिया को दूर कर सकते हैं, और सही जानकारी ले सकते हैं, इसे लोग एक दूसरे की संस्कृति के प्रति अधिक जानकारी दे सकते हैं। साथ ही अगर किसी त्योहार से जुड़ी कोई गलत धारणा सोशल मीडिया पर फैलते हैं, तो लोग उसके खिलाफ आवाज भी उठा सकते हैं।
मिलावट और खोखलापन (Adulteration and falsity):
सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण और त्योहारों में कुछ हद तक मिलावट और खोकलापन आ गया है। बहुत से लोग सोशल मीडिया पर दिखावे के लिए त्यौहार मनाने लगे हैं, और अपने रिश्तेदार, परिवार, के साथ भी जुड़ते हैं। जैसे कि लोग अपनी खुशी दिखाने के लिए महंगे कपड़े, सुंदर-सुंदर सजावट, और गिफ्ट भी तैयार करते हैं, लेकिन अंदर से वैसा उतने खुश नहीं होते इस दिखावे के कारण त्योहारों का असली महत्व कहीं खो गया है अब संस्कृति को धार्मिक मूल्यों से अधिक स्पेशल बने आ रहे हैं।
निष्कर्ष (Conclusion):
सोशल मीडिया ने भारतीय त्योहारों को कई तरह से बदलाव लाए हैं। इसने हमें त्योहारों को एक नए नजरिया से देखने का मौका दिया है, और लोगों के बीच जुड़ा को भी बढ़ावा है, लेकिन इसके साथ ही सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग त्योहारों में कृत्रिमता और दिखाओ को भी बढ़ा रहा हैं। त्योहारों का असली आनंद उनके परंपरागत रूप में मनाने में ही है, इसलिए हमें सोशल मीडिया के माध्यम से त्योहार का प्रचार-प्रसार करते हुए उनके वास्तविक को बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।