परिचय (Introduction):
Tulsi Vivah भारत के प्रमुख धार्मिक उत्सवों में से एक है, जिसे विशेष रूप से महाराष्ट्र में बड़े हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इसे देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) भी कहा जाता है, जो विष्णु भगवान के चतुर्मास योग से जागने का प्रतीक है। इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान विष्णु के रूप वामन अवतार या शालिग्राम से होता है।
Tulsi Vivah का महत्व (Importance of Tulsi marriage):
Tulsi Vivah न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका गहरा सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है। यह पर्व सुखी वैवाहिक जीवन, धार्मिक पुण्य, और सामाजिक समरसता का संदेश देता है। मान्यता है कि तुलसी विवाह से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
Tulsi Vivah की तैयारी (Preparation for Tulsi marriage):
1. तुलसी के पौधे को सजाना (Tulsi Plant Decoration):
तुलसी के पौधे को विवाह के लिए दुल्हन की तरह सजाया जाता है। इसे रंग-बिरंगी चुनरी, गहने, और फूलों से सजाया जाता है। गमले को पवित्र रंगोली (Rangoli) से घेरकर सुंदर बनाया जाता है।
2. शालिग्राम की पूजा (Shaligram Puja):
भगवान विष्णु के प्रतीक शालिग्राम की मूर्ति को पवित्र जल से स्नान कराकर, नए वस्त्र और आभूषण पहनाए जाते हैं।
3. मंडप सजाना (Mandap Decoration):
Tulsi Vivah का मंडप केले के पत्तों, आम की टहनियों और फूलों से सजाया जाता है। मंडप को पारंपरिक तरीके से तैयार करना महत्वपूर्ण है।
Tulsi Vivah की विधि (Tulsi Vivah Vidhi):
1. पूजा का आरंभ (Beginning of worship):
Tulsi Vivah की पूजा को शुभ मुहूर्त में शुरू किया जाता है। परिवार के सभी सदस्य साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर पूजा में भाग लेते हैं।
गणपति पूजन (Ganpati Pooja):
हर शुभ कार्य की तरह गणपति पूजा से इसका आरंभ होता है।
तुलसी और शालिग्राम का मिलन (Union of Tulsi and Shaligram):
तुलसी को दुल्हन और शालिग्राम को वर मानकर उनकी शादी के रस्में की जाती हैं। इसमें अक्षत (चावल), हल्दी, कुमकुम और फूलों का उपयोग होता है।
विवाह मंत्रोच्चार (wedding chants):
पंडित के द्वारा वेद मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और सभी लोग आरती करते हैं।
प्रसाद वितरण (Prasad Distribution):
पूजा के अंत में भक्तों को प्रसाद दिया जाता है। प्रसाद में विशेष रूप से मिठाई, नारियल और तिल के लड्डू होते हैं।
महाराष्ट्र में Tulsi Vivah की परंपराएं (Traditions of Tulsi Vivah in Maharashtra):
महाराष्ट्र में Tulsi Vivah का आयोजन बड़े उत्साह के साथ होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह पर्व सामाजिक मेलजोल का बड़ा माध्यम है। महिलाएं इस दिन सज-धजकर और पारंपरिक गहने पहनकर तुलसी विवाह में भाग लेती हैं। इस अवसर पर पारंपरिक मराठी व्यंजन जैसे पूरी-भाजी, संदेश, और पायसम बनाए जाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion):
Tulsi Vivah केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। महाराष्ट्र में इसे पूरे उत्साह और परंपरा के साथ मनाया जाता है। इस पवित्र पर्व को मनाने से न केवल ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और सौहार्द भी बढ़ता है।