Bhoramdeo Festival: छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा का प्रतीक

परिचय (Introduction):

“Bhoramdeo Festival” छत्तीसगढ़ राज्य के प्रसिद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सवों में से एक है। यह उत्सव छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थित भोरमदेव मंदिर में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य भोरमदेव मंदिर और भगवान शिव के प्रति श्रद्धा व्यक्त करना है। साथ ही यह उत्सव छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को जीवित रखने का एक सशक्त माध्यम है।

Table of Contents

 मंदिर का इतिहास (History of the temple):

भोरमदेव मंदिर, जिसे “छत्तीसगढ़ का खजुराहो” भी कहा जाता है, 7वीं से 11वीं शताब्दी के बीच निर्मित किया गया था। यह मंदिर नागर शैली में निर्मित है और भगवान शिव को समर्पित है। इसकी स्थापत्य कला और मूर्तियां अद्भुत हैं, जो इतिहास प्रेमियों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं।

स्थान और महत्व (Location and significance):

Bhoramdeo Festival

भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के चौरागांव में स्थित है। यह मंदिर पर्वतों और हरियाली से घिरा हुआ है, जो इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाता है। मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व इसे भोरमदेव महोत्सव का मुख्य केंद्र बनाता है।

Bhoramdeo Festival का आयोजन (Organizing Bhoramdeo Festival):

Bhoramdeo Festival

Bhoramdeo Festival हर साल फरवरी या मार्च के महीने में आयोजित किया जाता है। यह त्योहार स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है। महोत्सव के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जो छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपराओं को दर्शाता है।

मुख्य कार्यक्रम (Main Events):

1. धार्मिक अनुष्ठान (Religious rituals):

Bhoramdeo Festival

भोरमदेव महोत्सव की शुरुआत भगवान शिव की पूजा-अर्चना से होती है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर में उपस्थित होते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं।

2. सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ (Cultural presentations):

Bhoramdeo Festival

लोक नृत्य और गीतों का आयोजन होता है।  

पांडवानी, करमा नृत्य, और राऊत नृत्य जैसे स्थानीय लोक कलाओं की झलक देखने को मिलती है।  

कलाकार अपनी कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ की परंपराओं को जीवंत कर देते हैं।

3. हस्तशिल्प और मेले (Handicrafts and Fairs):

Bhoramdeo Festival

त्योहार के अवसर पर स्थानीय कलाकार और कारीगर अपने हस्तशिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी लगाते हैं।  

मिट्टी के बर्तन, लकड़ी की मूर्तियाँ, और छत्तीसगढ़ी वेशभूषा की बिक्री होती है।

4. भजन और संध्या आरती (Bhajans and evening aarti):

शाम को मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन और संध्या आरती का आयोजन किया जाता है। यह भक्तों के लिए एक आत्मिक अनुभव होता है।

भोरमदेव महोत्सव का सांस्कृतिक महत्व (Cultural Importance of Bhoramdeo Festival):

Bhoramdeo Festival

Bhoramdeo Festival छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। यह न केवल धार्मिक आयोजन है बल्कि यह लोक संस्कृति, कला, और साहित्य को भी प्रोत्साहन देता है।

पर्यटन को बढ़ावा (Promotion of tourism):

Bhoramdeo Festival

भोरमदेव महोत्सव के दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक इस स्थान पर आते हैं। इससे स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलता है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति के लिए लाभदायक है।

स्थानीय संस्कृति का संरक्षण (Preservation of local culture):

महोत्सव के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले नृत्य, गीत, और हस्तशिल्प स्थानीय संस्कृति को जीवित रखने का कार्य करते हैं।

Bhoramdeo Festival के मुख्य आकर्षण (Main attractions of Bhoramdeo Festival):

1. भोरमदेव मंदिर की मूर्तिकला (Sculpture of Bhoramdeo Temple):

Bhoramdeo Festival

मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई मूर्तियाँ और चित्रण बेहद आकर्षक हैं। ये मूर्तियाँ हिंदू देवी-देवताओं और सामाजिक जीवन के विविध पहलुओं को प्रदर्शित करती हैं।

2. प्रकृति का सौंदर्य (The beauty of nature):

Bhoramdeo Festival

भोरमदेव मंदिर पर्वतों और जंगलों से घिरा हुआ है। इस प्राकृतिक सौंदर्य के बीच महोत्सव का आयोजन पर्यटकों के लिए एक यादगार अनुभव बनाता है।

3. पारंपरिक व्यंजन (Traditional Dishes):

Bhoramdeo Festival

महोत्सव के दौरान छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद लेना एक अनोखा अनुभव है। चीला, फरा, और ठेठरी जैसे पारंपरिक भोजन हर किसी का दिल जीत लेते हैं।

4. प्रदर्शनी और हस्तशिल्प मेले (Exhibitions and handicraft fairs):

Bhoramdeo Festival

महोत्सव में स्थानीय कलाकारों की कला और शिल्प की प्रदर्शनी लगती है। यह छत्तीसगढ़ की कला को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

Bhoramdeo Festival के दौरान यात्रा सुझाव (Travel Tips During Bhoramdeo Festival):

1. यात्रा का सही समय (Right time to travel):

Bhoramdeo Festival

Bhoramdeo Festival के दौरान यात्रा करना सबसे अच्छा समय होता है। यह आमतौर पर फरवरी या मार्च में आयोजित किया जाता है।

2. कैसे पहुँचे (How to reach):

निकटतम रेलवे स्टेशन: रायपुर रेलवे स्टेशन, जो भोरमदेव मंदिर से लगभग 150 किमी दूर है।  

हवाई मार्ग: रायपुर एयरपोर्ट।

सड़क मार्ग: सड़क मार्ग से भी मंदिर तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।

3. रुकने की सुविधा (Accommodation facility):

आसपास के क्षेत्र में कई छोटे होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

Bhoramdeo Festival छत्तीसगढ़ के धार्मिक और सांस्कृतिक गौरव का परिचायक है। यह न केवल एक धार्मिक आयोजन है बल्कि राज्य की समृद्ध संस्कृति, कला, और परंपरा को संजोने का सशक्त माध्यम है। भोरमदेव मंदिर का अद्वितीय सौंदर्य और इस महोत्सव की भव्यता हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है।

  

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