सेत्सुबुन: जापान का वसंत ऋतु का शुभारंभ और सौभाग्य का पर्व

परिचय (Introduction):

सेत्सुबुन (Setsubun) जापान का एक पारंपरिक त्यौहार है जो वसंत ऋतु के आगमन से जुड़ा है। यह त्यौहार शीत ऋतु के अंत को वसंत ऋतु की शुरुआत के रूप में फरवरी की 3 तारीख को मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माओं को भगाने और नए साल में सौभाग्य और खुशहाली का स्वागत करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। सेत्सुबुन के कई अनुष्ठान और परंपराएं हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध है “मामे-माकी” (सोयाबीन फेंकने की परंपरा)। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि सेत्सुबुन क्या है, इसके पीछे परंपरा और इसे कैसे मनाया जाता है।

सेत्सुबुन का अर्थ और महत्व (The Meaning and Significance of Setsubun):

“सेत्सुबुन” शब्द का अर्थ है “ऋतु का विभाजन”। पारंपरिक रूप से, जापान में चार मुख्य ऋतुएँ होती हैं: वसंत, ग्रीष्म, शरद, और शीत। सेत्सुबुन वसंत ऋतु (हरु) की शुरुआत का प्रतीक है, जो आमतौर पर *लूनर कैलेंडर* के अनुसार फरवरी में आता है। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य शरद ऋतु के साथ जुड़ी बुरी शक्तियों को समाप्त करके एक नई और सुखद वर्ष की शुरुआत करना है।

सेत्सुबुन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है घरों और मंदिरों में बुरी आत्माओं को भगाना और सौभाग्य का स्वागत करना। इसे लोग बुरी किस्मत को दूर करने और आई शांति के लिए प्रार्थना करने के अवसर के रूप में  देखते हैं।

सेत्सुबुन की परंपराएं (Traditions of Setsubun):

सेत्सुबुन के समय कई विशेष परंपराओं का पालन किया जाता है। 

आईए देखते हैं कि यह परंपराएं क्या है और कैसे इनका आयोजन किया जाता है: 

मामे-माकी सोयाबीन फेंकने की परंपरा (Mame-maki soybean throwing tradition):

मामे-माकी सेत्सुबुन का सबसे प्रमुख अनुष्ठान है।  इसमें सोयाबीन फेंकने का उद्देश्य बुरी आत्माओं को दूर भगाना और  सौभाग्य को आकर्षित करना होता है। इस प्रक्रिया में एक व्यक्ति, जिसे अक्सर घर का मुखिया या कोई बुजुर्ग व्यक्ति होता है, सोयाबीन को घर के चारों ओर फेंकता है।

इस प्रक्रिया के दौरान एक विशेष वाक्य कहा जाता है: 

“ओनी वा सोटो! फुकु वा उची!”*  

इसका अर्थ है “बुरी आत्माएँ बाहर! और सौभाग्य अंदर!”

यह वाक्य तब कहा जाता है जब लोग सोयाबीन को घर के बाहर की ओर फेंकते हैं। यह माना जाता है की बुरी आत्माएं और नकारात्मक शक्तियाँ  सोयाबीन की वजह से घर से बाहर निकल जाती हैं, और सौभाग्य घर के अंदर आ जाता है। 

मामे-माकी को कई मंदिरों और श्राइन में बड़े पैमाने पर भेद मनाया जाता है, जहां लोग जमा होकर इस अनुष्ठान में भाग लेते हैं। कुछ जगह पर इस अनुष्ठान को थियेट्रिकल रूप  से प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें लोग ओनी (राक्षस) की वेशभूषा पहनते हैं, और बाकी लोग उन पर सोयाबीन फेंककर बुरी शक्तियों को भगाते हैं।

1. ओनी (राक्षस) का प्रतीक (Symbol of the Oni (Demon):

सेत्सुबुन के दौरान “ओनी” (जापानी राक्षस या दानव) का विशेष महत्व है। ओनी जापान की लोककथाओं और पौराणिक कथाओं का एक अभिन्न हिस्सा है। और इन्हें बुरी शक्तियों और अपशकुंत प्रतीक माना जाता है। त्यौहार के दौरान, ओनी का मुखौटा पहने व्यक्ति घरों और समारोहों में आता है, और लोग उन पर सोयाबीन फेंककर उन्हें भगाते हैं। यह परंपरा इस विश्वास पर आधारित है की ओनी  बुरी आत्माओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्हें भगाने से परिवार में शांति और समृद्धि आती है।

2. ईहोमाकी खाने की परंपरा (The tradition of eating ehomaki):

सेत्सुबुन के एक और महत्वपूर्ण हिस्से में ईहोमाकी खाना शामिल है। ईहोमाकी एक विशेष प्रकार का सुशी रोल होता है, जिसे बिना काटे पूरा खाया जाता है। इसे खाने के दौरान एक विशिष्ट दिशा की ओर मुख करके खाया जाता है, जिसे “ईहो” कहा जाता है। यह दिशा हर साल बदलता है और इसे विशेष ज्योतिषीय मान्यताओं के आधार पर चुना जाता है। यह माना जाता है कि अगर आप ईहोमाकी को बिना बोले पूरी तरह से खाते हैं, तो आने वाला साल सौभाग्य और खुशहाली से भरा होगा। 

ईहोमाकी खाने की परंपरा अपेक्षाकृत नई है और  यह पश्चिमी जापान विशेष रूप से ओसाका से उत्पन्न हुई है। अब यह परंपरा पूरे जापान में फैल चुकी है, और लोग इसे सौभाग्य प्राप्त करने के लिए बड़े चाव से खाते हैं।

3. होंडेमाकी (Talisman):

सेत्सुबुन के दौरान घरों के दरवाजों पर कुछ खास ताबीज (तलिस्मान) या प्रतीक लगाए जाते हैं। यह विश्वास किया जाता है कि ये ताबीज बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा को घर से दूर रखते हैं। ताबीज में अक्सर होली ट्री (कांटों वाली पत्तियां) और इवेशिंग मछली के सिर शामिल होते हैं। इन्हें दरवाजे पर लटकाने से घर में बुरी आत्माएं प्रवेश नहीं करती।

4. शुभकामना के लिए अन्य अनुष्ठान (Other rituals for good luck):

मामे-माकी और ईहोमाकी के अलावा, कई अन्य रीति-रिवाज और अनुष्ठान भी  सेत्सुबुन के दौरान निभाए जाते हैं। कुछ लोग अपने घर के दरवाजों पर मछली और कांटों की शाखाएं लटकाते हैं ताकि बुरी आत्माओं को बाहर रखा जा सके। इसके अलावा, लोग मंदिरों और श्राइन में जाते हैं, जहां वे प्रार्थना करते हैं और सौभाग्य की कामना करते हैं।

सेत्सुबुन का आधुनिक रूप (The modern form of Setsubun):

सेत्सुबुन के पारंपरिक रूप के बावजूद, इसके कई आधुनिक रूप भी विकसित हुए हैं। आजकल, लोग इस त्यौहार को थोड़े हल्के-फुल्के और मजेदार तरीके से मनाते हैं। कई स्कूलों और समुदायों में, बच्चे ओनी के मुखौटे पहनकर खेलते हैं, और बाकी लोग उन पर सोयाबीन फेंकते हैं।  इस खेल के माध्यम से बच्चे सेत्सुबुन की परंपराओं को मजेदार तरीके से सीखते हैं। 

इसके अलावा, अब सुपरमार्केट और रेस्टोरेंट में ईहोमाकी के कई प्रकार उपलब्ध होते हैं, जो लोगों के बीच  इस त्यौहार को और भी लोकप्रिय बना देते हैं। पहले ईहोमाकी केवल सुशी रोल के रूप में खाया जाता था, लेकिन अब कई अन्य स्वादिष्ट चीजें भी इसमें शामिल की जाती है, जैसे मीठे व्यंजन और फल।

सेत्सुबुन के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलू (Historical and Cultural Aspects of Setsubun):

सेत्सुबुन की परंपराएँ जापान की लोककथाओं और धार्मिक विश्वासों से गहरे जुड़े हुए हैं। यह त्यौहार पुराने समय में खेतों की पैदावार और प्रकृति के चक्र के साथ भी जुड़ा हुआ था। वसंत ऋतु के आगमन के साथ, किसान अपनी नई फसल की शुरुआत करते थे और इस समय को बुरी आत्माओं से सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानते थे। सोयाबीन फेंकने की परंपरा का एक वैज्ञानिक पहलू भी है, क्योंकि सोयाबीन को पुराने समय में हानिकारक कीटों से निपटने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।  

सेत्सुबुन जापान के सामाजिक और सांस्कृतिक ढांचे का भी हिस्सा है। यह त्यौहार न केवल व्यक्तिगत रूप से मनाया जाता है, बल्कि समुदायों और परिवारों के बीच मेलजोल और एकजुट का प्रतीक भी है। लोग इस मौके पर अपने पड़ोसियों और दोस्तों के साथ त्यौहार का आनंद लेते हैं और एक-दूसरे के घरों में सौभाग्य की कामना करते हैं।

1. सेत्सुबुन और आध्यात्मिकता (Setsubun and spirituality):

जापान में सेत्सुबुन का एक गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है। यह त्यौहार न केवल भौतिक रूप से बुरी आत्माओं को भगाने का प्रतीक है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का अवसर माना जाता है। मंदिरों और श्राइन में किए जाने वाले अनुष्ठान लोगों को मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करते हैं। बुरी किस्मत को भगाकर, लोग अपने जीवन में नए अफसर और खुशियों का स्वागत करते हैं। 

2. सेत्सुबुन का भविष्य (The Future of Setsubun):

सेत्सुबुन एक पुरानी परंपरा होने के बावजूद, यह जापान में अभी भी उतनी ही लोकप्रिय और महत्वपूर्ण है जितनी सैकड़ो साल पहले थी। आधुनिक समाज में इसके कुछ रूप बदल गए हैं, लेकिन इसका मूल संदेश और महत्व वही बना हुआ है। सेत्सुबुन भविष्य में भी जापानी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहेगा, और इसे मनाने के तरीके समय के साथ बदलते रहेंगे।

निष्कर्ष (conclusion):

सेत्सुबुन जापान का एक महत्वपूर्ण और पुरातन त्यौहार है जो बुरी आत्माओं को दूर भगाने और  सौभाग्य का स्वागत करने के लिए मनाया जाता है। इस त्यौहार के अनुष्ठानों में सोयाबीन फेंकना, ओनी का प्रतीक, ईहोमाकी खाना, और धार्मिक अनुष्ठान शामिल है। सेत्सुबुन न केवल जापानी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह सामूहिक और व्यक्तिगत रूप से सौभाग्य, खुशहाली और शांति का प्रतीक भी है।


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