परिचय (Introduction):
कैंडलारिया महोत्सव, जिसे स्पेनिश में Fiesta de la Candelaria के नाम से जाना जाता है, पेरू के पुनो शहर में हर साल फरवरी के महीने में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह महोत्सव वर्जिन ऑफ कैंडलारिया को समर्पित है, जो पेरू के लोगों की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को प्रकट करता है। इस त्यौहार में न केवल धार्मिक आस्थाओं को दिखाया जाता है, बल्कि इसमें संगीत, नित्य और रंग-बिरंगी परंपराओं का भी मिलाजुला संगम होता है। यह महोत्सव खास तौर पर पेरू के एंडीज़ और आल्टीप्लानो क्षेत्रों में बसे लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
कैंडलारिया महोत्सव का धार्मिक महत्व (Religious importance of candleria festival):
कैंडलारिया महोत्सव वर्जिन मैरी, जिन्हें कैंडलारिया की वर्जिन के नाम से भी जाना जाता है, की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। ईसाई मान्यताओं के अनुसार, यह त्यौहार उस समय का प्रतीक है जब येसु को मंदिर में पहली बार लाया गया था। कैथोलिक परंपरा में, इसे प्रकाश के त्यौहार के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि मोमबत्तियां जलाकर रोशनी की जाती है, जो येसु के प्रकाश का प्रतीक है।
पुनो शहर में, वर्जिन ऑफ कैंडलारिया की पूजा को स्थानीय संस्कृति के साथ इस प्रकार जोड़ दिया गया है कि यह महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था को प्रदर्शित करता है बल्कि यह पेरू की स्थानीय परंपराओं और रीति- रिवाजों को भी प्रदर्शित करता है। वर्जिन मैरी को किसानों और मछुआरों की संरक्षक देवी के रूप में भी देखा जाता है, इसलिए महोत्सव के दौरान इन समुदायों के लोग विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ समारोहों में भाग लेते हैं।
महोत्सव की शुरुआत (Start of festival):
कैंडलारिया महोत्सव की शुरुआत एक धार्मिक समारोह के साथ होती है, जिसमें वर्जिन की प्रतिमा को पुजारी का नेतृत्व में शहर के मुख्य चर्च से निकाला जाता है। इस दौरान श्रद्धालु लोग मोमबत्तियां जलाते हैं। और पूरे शहर में जुलूस निकालते हैं। इस जुलूस में भाग लेने वाले लोगों द्वारा पारंपरिक पोशाकें पहनी जाती है, जिनमें रंग-बिरंगे वस्त्र, टोपी और नकाब शामिल होते हैं। यह दृश्य अत्यधिक मनमोहक और भव्य होता है।
पहले दिन के इस धार्मिक समारोह के बाद, अगले दिन महोत्सव का सांस्कृतिक पहलू शुरू होता है, जो पूरे 15 दिनों तक चलता है। इसमें विभिन्न प्रकार के संगीत और नित्य प्रतियोगिताएं होती है, जो इस महत्व की एक प्रमुख विशेषता है।
संगीत और नित्य महोत्सव की आत्मा (Spirit of music and routine festival):
कैंडलारिया महोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण इसका पारंपरिक नित्य और संगीत है। पेरू के पुनो क्षेत्र को “फोकलोरिक कैपिटल ऑफ पेरू” कहा जाता है, और इस महोत्सव में इसका जीता-जागता प्रमाण मिलता है। महोत्सव के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक समूह अपने पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रस्तुत करते हैं। सबसे प्रमुख नित्य “डियाब्लादा” है, जिसमें नर्तक शैतानों के मुखौटे पहनकर नित्य करते हैं। यह नित्य स्पेनिश और स्थानीय पेरूवियन सांस्कृतिक तत्वों का एक मिश्रण है।
डियाब्लादा के अलावा, “मोरेनाडा” और “कापोराल” जैसे नित्य भी महोत्सव का हिस्सा होते हैं। इन नृत्यों में विभिन्न ऐतिहासिक और सामाजिक संदर्भों को दिखाया जाता है, जैसे स्पेनिश उपनिवेश के समय के संघर्ष और दास प्रथा। इस नृत्यों में विशेष रूप से विशेष रूप से विस्तृत और चमकदार पोशाकें का उपयोग किया जाता है, जिससे यह नित्य और भी आकर्षण बन जाते हैं।
महोत्सव की प्रमुख गतिविधियां (Major activities of the festival):
कैंडलारिया महोत्सव के दौरान होने वाली मुख्य गतिविधियों में धार्मिक जुलूस, नृत्य और संगीत प्रतियोगिताएँ, और स्थानीय परंपराओं का प्रदर्शन शामिल है। यह महोत्सव पूरे पेरू के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोगों को पुनो की और आकर्षित करता है।
धार्मिक जुलम: जैसा कि पहले बताया गया, वर्जिन ऑफ कैंडलारिया की प्रतिमा को लेकर बड़े पैमाने पर जुलूस निकाला जाता है। इस जुलूस में सैकड़ों लोग भाग लेते हैं, और यह शहर के मुख्य सड़कों से होकर गुजरता है।
नित्य और संगीत प्रतियोगिताएं: महोत्सव के दूसरे हिस्से में विभिन्न सांस्कृतिक समूह अपने पारंपरिक नृत्यों और संगीत का प्रदर्शन करते हैं। इसमें विशेष रूप से डियाब्लादा, मोरेनाडा, और कापोराल जैसे नृत्य होते हैं। ये प्रतियोगिताएँ अत्यंत प्रतिष्ठित मानी जाती हैं, और विजेताओं को सम्मानित किया जाता है।
स्थानीय व्यंजन: महोत्सव के दौरान, स्थानीय बाजारों में पारंपरिक पेरूवियन भोजन और पेय का भी खूब आनंद लिया जाता है। इसमें विशेष रूप से क्विनोआ, पोटैटो, और मछली से बने व्यंजन होते हैं, जो पर्यटकों के लिए भी खास आकर्षण का केंद्र होते हैं।
कल और शिल्प: इस महोत्सव के दौरान स्थानीय हस्तशिल्प का प्रदर्शन भी होता हैं। यहाँ पर आप पेरू के पारंपरिक वस्त्र, आभूषण, और शिल्पकारों द्वारा बनाए गए अन्य उत्पाद खरीद सकते हैं।
महोत्सव का सांस्कृतिक महत्व (Cultural importance of festival):
कैंडलारिया महोत्सव न केवल पेरू की धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। यह महोत्सव स्थानीय लोगों की पहचान, और उनकी उनके ऐतिहासिक संघर्षों का प्रतीक है। इसमें पेरू की विभिन्न संस्कृतियों का एक संगम देखने को मिलता है, जिसमें एंडीज़, स्पेनिश, और अफ्रीकी प्रभाव प्रमुख होते हैं।
महोत्सव के दौरान हर साल करीब 40,000 से ज्यादा नर्तक और 5, 000 से ज्यादा संगीतकार भाग लेते हैं। इसके अलावा, हजारों की संख्या में पर्यटक इस महोत्सव का आनंद लेने आते हैं, जिससे यह महोत्सव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय हो चुका है। यूनेस्को ने 2014 में कैंडलारिया महोत्सव को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में भी शामिल किया, जो इसके सांस्कृतिक महत्व को और भी बड़ा देता है।
समापन समारोह (Closing ceremony):
महोत्सव का समापन एक और धार्मिक समारोह के साथ होता है, जिसमें वर्जिन ऑफ कैंडलारिया की प्रतिमा को पुनः चर्च में वापस लाया जाता है। इस दौरान भी विशेष प्रार्थनाएं की जाती है और लोग वर्जिन से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं।
समापन के दिन भी सांस्कृतिक गतिविधियां जारी रहती है, और यह दिन पूरे महोत्सव के माहौल को एक उल्लासमय नोट पर समाप्त करता है। इसके बाद, पुनो के लोग अगले वर्ष के महोत्सव की तैयारी शुरू कर देते हैं, क्योंकि यह त्यौहार उनकी सांस्कृतिक धरोहर और सामुदायिक भावना का अभिन्न हिस्सा है।
निष्कर्ष (Conclusion):
कैंडलारिया महोत्सव न केवल पेरू के पुनो शहर का एक धार्मिक और सांस्कृतिक महोत्सव है, बल्कि यह पूरे पेरू की सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह महोत्सव दुनिया भर के लोगों को पेरू की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराता है और स्थानीय परंपराओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महोत्सव की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता इसे पेरू का एक प्रमुख आकर्षक बनाती है, और यह हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी और खींचता है।