Nirjala Ekadashi 2025: सबसे महत्वपूर्ण उपवास का संपूर्ण मार्गदर्शन

परिचय (Introduction):

Nirjala Ekadashi 2025 हिंदू धर्म में एक अत्यंत शुभ और कठिन उपवास माना जाता है। यह Ekadashi Vrat श्रृंखला का सबसे कठिन व्रत है क्योंकि इस दिन बिना जल ग्रहण किए उपवास रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन उपवास रखने से वर्षभर की Ekadashi Fasting के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

इस लेख में हम Nirjala Ekadashi 2025 Date, महत्व, पूजा विधि, कथा, शुभ मुहूर्त और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां विस्तार से समझेंगे।

Nirjala Ekadashi 2025 कब है? (Nirjala Ekadashi 2025 Date & Muhurat):

हिंदू पंचांग के अनुसार, Nirjala Ekadashi 2025 ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस साल Nirjala Ekadashi 2025 का व्रत निम्नलिखित तिथि को रखा जाएगा:

Ekadashi Tithi Begins: 09 जून 2025, सुबह 04:15 बजे।

Ekadashi Tithi Ends: 10 जून 2025, सुबह 06:45 बजे।

Parana Time (व्रत खोलने का समय): 10 जून 2025, सुबह 06:50 से 08:30 बजे तक।

Nirjala Ekadashi का महत्व (Significance of Nirjala Ekadashi):

Nirjala Ekadashi 2025

Nirjala Ekadashi Vrat को करने से वर्षभर की 24 Ekadashi Fasting का पुण्य फल प्राप्त होता है। यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने और पापों से मुक्ति के लिए किया जाता है।

इस व्रत के लाभ (benefits of this fast):

सभी एकादशी व्रतों का फल एक साथ प्राप्त होता है।

मोक्ष की प्राप्ति होती है और मृत्यु के बाद वैकुंठ धाम जाने का सौभाग्य मिलता है।

जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है।

पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।

Nirjala Ekadashi व्रत कथा (Nirjala Ekadashi Vrat Katha):

Nirjala Ekadashi 2025

एक बार महर्षि व्यास के पास पांडवों के भाई भीमसेन आए और उन्होंने कहा कि वे सभी एकादशी व्रत नहीं रख सकते क्योंकि उन्हें भोजन की अत्यधिक आवश्यकता होती है। तब महर्षि व्यास ने उन्हें सुझाव दिया कि वे Nirjala Ekadashi का व्रत रखें क्योंकि यह व्रत अकेले ही सभी एकादशियों का फल प्रदान करता है।

भीमसेन ने यह व्रत रखा और पूरे दिन बिना जल और भोजन के उपवास किया। इस कठिन तपस्या के कारण भगवान विष्णु प्रसन्न हुए और उन्हें अक्षय पुण्य का आशीर्वाद दिया।

Nirjala Ekadashi व्रत की विधि (Nirjala Ekadashi 2025 Puja Vidhi):

1. स्नान और संकल्प (Bath and Sankalp):

Nirjala Ekadashi 2025

ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और भगवान विष्णु की आराधना करें।

व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन अन्न और जल का त्याग करें।

2. भगवान विष्णु की पूजा (Worship of Lord Vishnu):

देवता विष्णु की मूर्ति के सामने दीप जलाएं।

तुलसी पत्र, पंचामृत, फल और फूल अर्पित करें।

Vishnu Sahasranamam और Bhagavad Gita का पाठ करें।

रातभर जागरण और भजन-कीर्तन करें।

3. द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण करें (Break the fast on Dwadashi Tithi):

अगले दिन Brahmins (ब्राह्मणों) को भोजन कराएं।

इसके बाद जल और भोजन ग्रहण करें।

Nirjala Ekadashi से जुड़े नियम और सावधानियां (Rules and precautions related to Nirjala Ekadashi):

Nirjala Ekadashi 2025

इस व्रत के दौरान जल भी ग्रहण नहीं किया जाता, इसलिए इसे सबसे कठिन एकादशी माना जाता है।

बीमार, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को यह व्रत न करने की सलाह दी जाती है।

इस दिन क्रोध, झूठ, और नकारात्मक विचारों से बचें।

जरूरतमंद लोगों को दान-पुण्य अवश्य करें।

निष्कर्ष (Conclusion):

Nirjala Ekadashi 2025 का व्रत हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण उपवासों में से एक है। यह न केवल आध्यात्मिक शुद्धि प्रदान करता है बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी लाता है। जो भी व्यक्ति इस व्रत को पूर्ण निष्ठा से करता है, उसे वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।

यदि आप अक्षय पुण्य और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो Nirjala Ekadashi 2025 का व्रत अवश्य करें।

निर्जला एकादशी का पालन एक कठोर तपस्या के समान माना जाता है। इस दिन जल ग्रहण न करने का संकल्प लेना अत्यंत कठिन होता है, लेकिन यही संकल्प आत्मशुद्धि और ईश्वर की भक्ति का वास्तविक प्रमाण होता है। हालांकि, जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं, वृद्ध हैं, या गर्भवती महिलाएं हैं, वे अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए किसी योग्य विद्वान की सलाह लेकर व्रत के नियमों को अपनी क्षमता के अनुसार अपना सकते हैं।

इस पावन दिन पर केवल उपवास रखना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि भगवान विष्णु की पूजा, विष्णु सहस्रनाम का पाठ, भगवद गीता का अध्ययन और जरूरतमंदों की सहायता करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। ब्राह्मणों को भोजन कराना और गौसेवा करना इस व्रत के पुण्य को कई गुना बढ़ा देता है।

यदि आप अपने जीवन में आध्यात्मिक शुद्धि, मानसिक शांति और भगवान विष्णु की अनंत कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो निर्जला एकादशी 2025 का व्रत अवश्य करें। यह व्रत आपको सांसारिक मोह-माया से दूर कर आत्मिक संतोष और दिव्य ऊर्जा प्रदान करेगा।

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