परिचय (Introduction):
Ambubachi Mela Recipes असम का अंबुबाची मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि माँ शक्ति की गुप्त ऊर्जा और प्रकृति की शक्ति का उत्सव है। यह पर्व कामाख्या देवी मंदिर में हर साल जून महीने में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान मंदिर के कपाट तीन दिन तक बंद रहते हैं और उसके बाद खुलते हैं, तब विशेष पूजा और सात्विक भोजन तैयार किया जाता है।
इन खास व्यंजनों को ही हम कहते हैं — Ambubachi Mela recipes चलिए जानते हैं इन स्वादिष्ट और परंपरागत रेसिपीज़ के बारे में, जो श्रद्धा और स्वास्थ्य दोनों से भरपूर होते हैं।
1. जोहा चावल की खीर (Joha Rice Kheer):
Ambubachi Mela recipes में यह सबसे लोकप्रिय मिठाई मानी जाती है।
सामग्री:
जोहा चावल – ½ कप।
दूध – 1 लीटर।
गुड़ या शक्कर – ½ कप।
इलायची – 2
काजू-बादाम (ऐच्छिक)।
विधि (Step-by-step):
जोहा चावल को धोकर 30 मिनट भिगो दें।
दूध को धीमी आंच पर उबालें।
चावल डालें और गाढ़ा होने तक पकाएं।
गुड़ मिलाएं और अच्छे से मिलाएं।
इलायची और ड्राय फ्रूट्स डालकर गर्मागर्म परोसें।
2. खार (Khar):
असम की पारंपरिक सात्विक सब्ज़ी।
यह एक alkaline डिश होती है जिसे केले के तने या बांस के बीज से बनाया जाता है।
सामग्री:
कच्चा पपीता – 1 कप (कटा हुआ)।
खार पानी (कड़वे केले की सूखी छाल से बना)।
हल्दी, नमक – स्वाद अनुसार।
विधि (Method):
पपीता धोकर टुकड़ों में काटें।
खार के पानी में हल्दी और नमक डालें।
सब्ज़ी डालें और ढककर पकाएं।
जब सब्ज़ी नरम हो जाए तो परोसें।
Ambubachi Mela recipes में यह व्यंजन पाचन के लिए बहुत लाभकारी होता है।
3. नारियल लड्डू (Nariyal Ladoo):
त्योहारों की मिठास बिना लड्डू के अधूरी है।
सामग्री:
ताजा नारियल (कद्दूकस किया हुआ) – 2 कप।
कंडेंस्ड मिल्क – 1 कप।
इलायची पाउडर – ½ चम्मच।
विधि (Method):
कढ़ाई में नारियल और कंडेंस्ड मिल्क मिलाएं।
धीमी आंच पर 10 मिनट पकाएं।
जब मिश्रण गाढ़ा हो जाए, तो ठंडा करें।
छोटे-छोटे लड्डू बना लें।
यह आसान और स्वादिष्ट Ambubachi Mela recipe हर घर में बनाई जाती है।
4. पीठा (Pitha):
असम की पारंपरिक मिठाई।
सामग्री:
चावल का आटा – 1 कप।
तिल और गुड़ का मिश्रण – ½ कप।
विधि (Method):
चावल के आटे से पतली रोटी बेलें।
उसमें तिल-गुड़ भरकर रोल करें।
भाप में पकाएं या हल्की आंच पर सेकें।
नारियल के साथ परोसें।
5. मूंग दाल का भोग (Moong Dal Bhog):
पूजा के समय यह भोग स्वरूप चढ़ाया जाता है।
सामग्री:
मूंग दाल – ½ कप।
घी – 1 चम्मच।
नमक, हल्दी – स्वादानुसार।
विधि (Method):
मूंग दाल को भूनकर उबालें।
नमक और हल्दी डालें।
देसी घी में तड़का लगाकर डालें।
गरमा-गरम भोग के रूप में परोसें।
क्यों होती हैं ये रेसिपीज़ खास? (Why are these recipes special?):
Ambubachi Mela recipes में लहसुन-प्याज नहीं होते।
यह भोजन पूरी तरह सात्विक और पाचन योग्य होता है।
ये व्यंजन मानसिक और शारीरिक शुद्धि प्रदान करते हैं।
पूजा-पाठ के बाद प्रसाद रूप में इनका सेवन किया जाता है।
आधुनिक युग में परंपरा का स्वाद (A taste of tradition in the modern age):
आजकल कई लोग Ambubachi Mela में स्वयं नहीं जा पाते, लेकिन इन Ambubachi Mela recipes को घर पर बनाकर उसी पवित्रता और श्रद्धा का अनुभव कर सकते हैं। यह न केवल परंपरा से जुड़ाव है, बल्कि हमारे पूर्वजों की ज्ञान और स्वाद की धरोहर को आगे बढ़ाने का माध्यम भी है।
निष्कर्ष (Conclusion):
Ambubachi Mela केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और प्रकृति के रहस्यों का उत्सव है। इस अवसर पर बनाए जाने वाले व्यंजन न केवल शरीर को पोषण देते हैं, बल्कि मन को भी शांति प्रदान करते हैं। अगर आप भी इस पर्व को घर पर मनाना चाहते हैं, तो इन Ambubachi Mela recipes को ज़रूर आज़माएं।