परिचय (Introduction):
Assam Bohag Bihu 2025 जिसे रोंगाली बिहू (Rongali Bihu) के नाम से भी जाना जाता है, असम राज्य का सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय त्योहार है। यह असमिया नव वर्ष (Assamese New Year) की शुरुआत का प्रतीक है और वसंत ऋतु के आगमन का जश्न मनाता है। बोहाग बिहू असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत (cultural heritage) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पूरे राज्य में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। इस लेख में, हम असम बोहाग बिहू 2025 के बारे में विस्तार से जानेंगे – इसकी तिथियां, इतिहास, परंपराएं, उत्सव के तरीके, और इसे कैसे अनुभव किया जा सकता है।
Assam Bohag Bihu 2025 2025 की तिथियां और कार्यक्रम (Dates and Schedule):

बोहाग बिहू सात दिनों तक चलने वाला एक अनोखा त्योहार है, जिसे “सात बिहू” (Seven Bihus) कहा जाता है। साल 2025 में, यह त्योहार 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक मनाया जाएगा। हर दिन का अपना खास महत्व और परंपराएं होती हैं। नीचे इसका पूरा शेड्यूल दिया गया है:
1. गोरू बिहू (Goru Bihu) – 14 अप्रैल:

इस दिन पशुओं की पूजा की जाती है। लोग अपने मवेशियों को नदी में नहलाते हैं और उन्हें माह-हल्दी (black gram and turmeric paste) से साफ करते हैं।
2. मानूह बिहू (Manuh Bihu) – 15 अप्रैल:

यह दिन इंसानों के लिए होता है। लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।
3. गोसाईं बिहू (Gosai Bihu) – 16 अप्रैल:
इस दिन देवताओं की पूजा होती है और घरों को साफ-सुथरा किया जाता है।
4. तातोर बिहू (Tator Bihu) – 17 अप्रैल:
यह दिन हथकरघा और शिल्प कौशल को समर्पित होता है।
5. नांगोलोर बिहू (Nangolor Bihu) – 18 अप्रैल:
इस दिन खेती के औजारों की पूजा की जाती है।
6. घरोसिया जिबोर बिहू (Gharosia Jibor Bihu) – 19 अप्रैल:
यह दिन घरेलू पशुओं के लिए होता है।
7. चेरा बिहू (Chera Bihu) – 20 अप्रैल:
यह उत्सव का आखिरी दिन होता है, जिसमें लोग जश्न मनाते हैं।
ये सात दिन असम के लोगों के जीवन में खुशियां और एकता लेकर आते हैं।
बोहाग बिहू का इतिहास और सांस्कृतिक महत्व (History and Cultural Importance):
बोहाग बिहू की शुरुआत प्राचीन काल से हुई थी, जब यह मुख्य रूप से एक कृषि त्योहार (agricultural festival) था। असम एक कृषि प्रधान राज्य है, और यह त्योहार खेती के चक्रों से गहराई से जुड़ा हुआ है। बोहाग बिहू बुवाई के मौसम (seeding season) की शुरुआत का प्रतीक है, और किसान अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करते हैं।
समय के साथ, इस त्योहार ने विभिन्न जातीय समूहों और बाहरी प्रभावों को अपनाया, लेकिन इसकी असमिया पहचान बरकरार रही। यह केवल एक कृषि उत्सव नहीं है, बल्कि सामाजिक एकता (social unity) और सांस्कृतिक पुनर्जागरण (cultural renaissance) का भी प्रतीक है।
बोहाग बिहू की परंपराएं और अनुष्ठान (Traditions and Rituals):
बोहाग बिहू में कई खास परंपराएं और अनुष्ठान शामिल हैं, जो इसे अनोखा बनाते हैं:
गोरू बिहू: पशुओं को नदी में नहलाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। उन्हें नए रस्सियों से बांधा जाता है।
मानूह बिहू: लोग नए कपड़े पहनते हैं और पारंपरिक असमिया व्यंजन जैसे पिठा (rice cakes) और लारू (laddus) खाते हैं।
बिहू नृत्य (Bihu Dance): युवा लोग पारंपरिक बिहू नृत्य करते हैं, जो तेज कदमों और हाथों की गति के लिए जाना जाता है।
हुशोरी (Husori): पुरुषों का एक समूह घर-घर जाकर बिहू गीत गाता है और आशीर्वाद देता है।
मेजी जलाना: लोग बांस और पत्तियों से बनी मेजी (Meji) में आग जलाते हैं और अच्छे भविष्य की कामना करते हैं।
ये परंपराएं असम की संस्कृति को जीवंत बनाती हैं।
असम के विभिन्न हिस्सों में बोहाग बिहू का उत्सव (Celebrations in Different Parts of Assam):

बोहाग बिहू पूरे असम में मनाया जाता है, लेकिन हर क्षेत्र में इसका तरीका थोड़ा अलग हो सकता है।
गुवाहाटी: यहां बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम (cultural events) और मेलों का आयोजन होता है।
ग्रामीण क्षेत्र: गांवों में उत्सव अधिक पारंपरिक होता है, जिसमें सामुदायिक दावतें (community feasts) और खेल शामिल होते हैं।
आदिवासी समुदाय: कुछ जनजातियों में अपनी खास परंपराएं और अनुष्ठान देखने को मिलते हैं।
हर जगह का उत्सव इस त्योहार की विविधता को दर्शाता है।
संगीत, नृत्य और भोजन की भूमिका (Role of Music, Dance, and Food):

बोहाग बिहू में संगीत और नृत्य का खास महत्व है। बिहू गीत (Bihu Geet) प्रेम और खुशी की भावनाओं को व्यक्त करते हैं। बिहू नृत्य इस उत्सव का दिल है, जिसमें ढोल (dhol), पेपा (pepa), और गोगोना (gogona) जैसे वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल होता है।
भोजन भी इस त्योहार का अहम हिस्सा है। लोग पिठा, लारू, और जोलपान (chira, curd, and jaggery) जैसे पारंपरिक व्यंजन बनाते और बांटते हैं। ये स्वादिष्ट व्यंजन उत्सव को और खास बनाते हैं।
बोहाग बिहू 2025 में कैसे शामिल हों (How to Participate in Bohag Bihu 2025):

अगर आप बोहाग बिहू 2025 का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो असम की यात्रा एक शानदार विकल्प हो सकता है। आप गुवाहाटी जैसे शहरों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं या गांवों में जाकर प्रामाणिक अनुभव (authentic experience) ले सकते हैं। स्थानीय लोगों के साथ बिहू नृत्य सीखना और उनके साथ पारंपरिक भोजन का आनंद लेना इस त्योहार को यादगार बना सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
बोहाग बिहू असम की सांस्कृतिक धरोहर का एक अनमोल हिस्सा है। यह त्योहार न केवल खेती के महत्व को दर्शाता है, बल्कि यह एकता, खुशी, और परंपराओं का भी प्रतीक है। असम बोहाग बिहू 2025 इस खूबसूरत परंपरा को आगे बढ़ाने और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का एक शानदार मौका है।