Eid al-Adha 2025 Date: सम्पूर्ण जानकारी

परिचय (Introduction):

Eid al-Adha 2025 Date यानी कुर्बानी का त्योहार इस्लाम धर्म का दूसरा प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार पैगंबर इब्राहिम (अलैहि सलाम) की आज्ञापालन और विश्वास की याद दिलाता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे Eid al-Adha 2025 date, इसके महत्व, इतिहास, धार्मिक रस्में, त्यौहार की तैयारी, और मनाने के तरीके के बारे में। आइए सरल शब्दों में समझते हैं कि यह पर्व क्यों और कैसे मनाया जाता है।

Eid al-Adha क्या है? (What is Eid al-Adha?):

ईद उल-अधा का शाब्दिक अर्थ है “बलिदान की ईद”। इस त्योहार की शुरूआत समय पैगंबर इब्राहिम (अलैहि सलाम) की परीक्षा से जुड़ी है, जब उन्होंने अपने बेटे इस्माइल (अलैहि सलाम) की कुर्बानी देने की आज्ञा पाई। लेकिन अल्लाह ने उनकी आज्ञाकारिता देख कर एक भेड़ को कुर्बानी के लिए भेजा। इस प्रकार से इस्लाम में प्राणियों की कुर्बानी की परंपरा आरंभ हुई।

इतिहास: पैगंबर इब्राहिम की आज्ञाकारिता और अल्लाह की कृपा का प्रतीक।

लक्ष्य: अल्लाह की आज्ञा का पालन करने और निष्काम भक्ति का संदेश।

Eid al-Adha 2025 date कब है? (When is Eid al-Adha 2025 date?):

हर साल इस्लामी पंचांग के अनुसार दिनांक बदलती है। Eid al-Adha 2025 date ग्रेगोरियन कैलेंडर में अनुमानित रूप से 14 जून 2025 को आने की संभावना है। (चांद की गवाही के आधार पर एक-दो दिन ऊपर-नीचे हो सकती है।)

नोट: चंद्रमा के दर्शन के आधार पर निश्चित कर्मचारी तौर पर तारीख घोषित की जाती है। इसलिए आधिकारिक घोषणा स्थानीय इस्लामी संगठनों से देखें।

इस्लामी कैलेंडर और तारीखें (Islamic calendar and dates):

Eid al-Adha 2025 Date

इस्लामिक कैलेंडर (हिजरी कैलेंडर) चंद्रमास पर आधारित है, जिसमें 12 महीने होते हैं, प्रत्येक माह चंद्रमा के चरणों के अनुसार बदलता है।

इस्लामी माह                             अंग्रेजी नाम

मुहर्रम                                       Muharram

सफर                                         Safar

रबीउल अव्वल                          Rabi’ al-awwal

रबीउल थानी                             Rabi’ al-thani             

जुमाड़ा-अुअला                         Jumada al-awwal

जुमाड़ा-थानी                           Jumada al-thani

रजब                                     Rajab

शाबान                                  Sha’ban

रमजान                                  Ramadan

शवाल                                  Shawwal

जुज (ज़िल)हज                      Dhu al-Qidah

दुह अल-हज़                        Dhu al-Hijjah

ईद उल-अधा दुह अल-हज़ (Dhu al-Hijjah) के 10वें दिन मनाई जाती है।

धार्मिक महत्व (Religious significance):

Eid al-Adha 2025 Date

ईमान की परीक्षा: पैगंबर इब्राहिम की आज्ञाकारिता का आदर्श।

कुर्बानी का संदेश: आत्मसमर्पण, त्याग एवं परोपकार।

एकता और भाईचारा: गरीबों में बंटवारा एवं जरूरतमंदों को भोजन।

त्योहार की पूर्व तैयारी (Pre-festival preparations):

Eid al-Adha 2025 Date

घर की सफाई: त्योहार से कुछ दिन पहले घर और आसपास की सफाई करें।

खरीदारी: नए कपड़े, दावत के सामग्री एवं कुर्बानी के लिए पशु।

समारोह की योजना: परिवार और मित्रों के आमंत्रण।

कुर्बानी की प्रक्रिया (The process of sacrifice):

Eid al-Adha 2025 Date

पशु का चयन: स्वस्थ, निशानविहीन और नियत उम्र का पशु।

देर से कुर्बानी से बचें: ईद की नमाज के बाद कुर्बानी करें।

वितरण:

एक-तिहाई हिस्सा अपने परिवार के लिए।

एक-तिहाई दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए।

एक-तिहाई गरीब और असहायों के लिए।

नमाज का महत्व (Importance of Namaz):

Eid al-Adha 2025 Date

ईद की नमाज विशेष नमाज़ होती है जो खुली जगह या मस्जिद के मैदान में पढ़ी जाती है।

तहरीय्यातु दुआ: दो रकात नमाज़ जिसके बाद इमाम दुआ करता है।

खुत्बा (व्याख्यान): नमाज के बाद इमाम संदेश देता है।

इबादत और दान-पुण्य (Prayer and charity):

दान देना (Sadaqah) और फित्रा (Fitrana) से बढ़कर दान।

गरीबों की मदद करने का अवसर।

त्योहारी व्यंजन और मिठाइयां (Festive dishes and sweets):

Eid al-Adha 2025 Date

बिरयानी: मटन बिरयानी या चिकन बिरयानी।

मिठाइयां: हलवा, शीर खurma, सूजी का हलवा।

खाना-पकवान: कबाब, नूहा, कचौड़ी आदि।

फैमिली और सोशल गेदरिंग (Family and social gatherings):

रिश्तेदारों के घर जाना।

बच्चों को ईदी देना।

फोटो सेशन और यादगार पल।

निष्कर्ष (Conclusion):

Eid al-Adha 2025 date 14 जून 2025 को मनाया जाएगा। यह त्योहार हमारे जीवन में बलिदान, सेवा और भक्ति की भावना को मजबूत करता है। कुर्बानी, दान-पुण्य, परिवार के साथ मिल-जुलकर खुशियाँ मनाना ही इस पर्व का सार है। हमें चाहिए कि हम केवल रस्मों तक सीमित न रहें, बल्कि इस त्यौहार के पीछे छिपी उच्च नैतिकता और मानवता के संदेश को आत्मसात करें।

“बलिदान ही सच्ची भक्ति है और सेवा ही ईश्वर की पहचान।”











Sobha Devi my site festivalgyaan is an experienced admin with a passion for writing. She brings a unique perspective to her work, blending creativity with insight

Sharing Is Caring:

Leave a Comment