Jhumur Dance: ने रचा इतिहास असम ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

परिचय (Introduction):

Jhumur Dance असम की सांस्कृतिक धरोहर झूमर नृत्य (Jhumur Dance) ने हाल ही में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 26 जनवरी 2024 को, असम के करीब 15,000 कलाकारों ने गुवाहाटी के सरसजाई स्टेडियम में एक साथ झूमर नृत्य करके गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) बनाया। यह आयोजन न केवल असम बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का पल था। इस लेख में, हम आपको इस विश्व रिकॉर्ड की पूरी कहानी, झूमर नृत्य का महत्व, और असम की संस्कृति में इसकी भूमिका बताएँगे।

Jhumur Dance: असम की हृदयध्वनि (Jhumur Dance: Heartbeat of Assam):

झूमर नृत्य, असम के आदिवासी समुदायों विशेषकर टीई (Tea Tribes) और बोडो (Bodo) समुदाय का पारंपरिक नृत्य है। यह नृत्य प्रकृति, फसल उत्सव, और सामुदायिक एकता को दर्शाता है। झूमर शब्द की उत्पत्ति “झूम” से हुई है, जिसका अर्थ है लयबद्ध तरीके से झूमना। इसमें ड्रम (ढोल), बाँसुरी, और पेपा (सींग से बना वाद्य) का उपयोग होता है।

विश्व रिकॉर्ड (World Record) की झलक (Glimpse of World Record):

Jhumur Dance

तारीख: 26 जनवरी 2024 (गणतंत्र दिवस)।  

स्थान: सरसजाई स्टेडियम, गुवाहाटी।  

भाग लेने वाले कलाकार: 15,237  

आयोजक: असम सरकार का संस्कृति विभाग (Assam Cultural Department)  

रिकॉर्ड प्रमाणीकरण: गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम।

कैसे बना विश्व रिकॉर्ड? पूरी तैयारी की कहानी (How was the world record made? The story of the entire preparation):

Jhumur Dance

इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए असम सरकार ने 6 महीने पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। राज्य के 32 जिलों से कलाकारों को चुना गया और उन्हें एक समान कोरियोग्राफी (Choreography) सिखाई गई। प्रैक्टिस सेशन के दौरान ड्रोन कैमरों (Drone Cameras) की मदद से समन्वय सुनिश्चित किया गया।

मुख्य चुनौतियाँ (Main challenges):

Jhumur Dance

1. कलाकारों का समन्वय: इतने बड़े समूह को एक लय में लाना।  

2. वेशभूषा और वाद्ययंत्र: सभी को पारंपरिक पोशाक (Traditional Costume) और वाद्य उपलब्ध कराना।  

3. मौसम: जनवरी में ठंड के बावजूद प्रदर्शन।

विश्व रिकॉर्ड (World Record) के 5 मुख्य पहलू (5 main aspects of world record):

Jhumur Dance

1. सबसे बड़ा पारंपरिक नृत्य समूह (Largest Traditional Dance Ensemble): पहले यह रिकॉर्ड केरल के थिरुवथिरा कली नृत्य के नाम था।  

2. समय अवधि: 17 मिनट तक निरंतर प्रदर्शन।  

3. विविधता: 15+ आदिवासी समुदायों की भागीदारी।  

4. ग्लोबल एक्सपोजर: 50+ अंतर्राष्ट्रीय मीडिया चैनलों ने कवर किया।  

5. पर्यटन को बढ़ावा: असम के टूरिज्म (Assam Tourism) को मिला नया आयाम।

झूमर नृत्य (Jhumur Dance) की विशेषताएँ (Features of Jhumur Dance):

कलाकारों की वेशभूषा: महिलाएँ लाल-सफेद मेखला चादर (Mekhela Chador) और पुरुष धोती-गमोसा (Gamosa) पहनते हैं।  

वाद्ययंत्र: ढोल, टोका (बाँस का वाद्य), पेपा, और सुटुली (मिट्टी का ढोल)।

थीम: प्रकृति प्रेम, बरगद के पेड़ की पूजा, और फसल उत्सव।

कैसे भाग लें अगले आयोजन में? (How to participate in the next event?):

Jhumur Dance

असम सरकार ने घोषणा की है कि हर साल गणतंत्र दिवस पर झूमर नृत्य उत्सव (Jhumur Dance Festival) आयोजित किया जाएगा। भाग लेने के लिए:  

1. आधिकारिक वेबसाइट (Official Website): [https://assamcultural.gov.in](https://assam cultural.gov.in) पर रजिस्ट्रेशन करें।  

2. एज क्राइटेरिया (Age Criteria): 14 से 60 वर्ष तक।

3. प्रैक्टिस सेशन: अपने जिले के सांस्कृतिक केंद्र (Cultural Center) में जुड़ें।

असम की संस्कृति को मिला ग्लोबल पहचान (Assam’s culture got global recognition):

Jhumur Dance

इस विश्व रिकॉर्ड (World Record) के बाद, असम के पर्यटन (Tourism) विभाग ने “झूमर डांस टूरिज्म पैकेज (Jhumur Dance Tourism Package)” लॉन्च किया है, जिसमें शामिल है:  

गुवाहाटी और काजीरंगा का दौरा।  

झूमर नृत्य वर्कशॉप (Workshop) में भागीदारी।  

स्थानीय आदिवासी भोजन (Tribal Cuisine) का स्वाद।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):

1. झूमर नृत्य (Jhumur Dance) को UNESCO की विरासत सूची में शामिल किया गया है?  

जी नहीं, अभी यह केवल भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage) का हिस्सा है।  

2. विश्व रिकॉर्ड (World Record) प्रमाणपत्र कहाँ देख सकते हैं?  

असम स्टेट म्यूज़ियम, गुवाहाटी में मूल प्रमाणपत्र (Original Certificate) रखा गया है।  

3. क्या विदेशी नागरिक भी इस नृत्य में भाग ले सकते हैं?  

हाँ, असम सरकार अगले आयोजन में अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों को आमंत्रित करने की योजना बना रही है।

निष्कर्ष (Conclusion):

Jhumur Dance असम का झूमर नृत्य सिर्फ एक नृत्य नहीं, बल्कि सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। इस विश्व रिकॉर्ड (World Record) ने साबित किया है कि पारंपरिक कलाएँ आधुनिक दुनिया में भी अपनी जगह बना सकती हैं। अगर आप असम की इस अनूठी विरासत को करीब से देखना चाहते हैं, तो अगले झूमर उत्सव (Jhumur Festival) का हिस्सा जरूर बनें। जय असम, जय भारत!

  

  

  

 


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