परिचय (Introduction):
Major festivals of India in 2025 भारत विविधता का देश है, और यहाँ हर त्योहार अपने साथ एक नई कहानी लेकर आता है। 2025 में भी ये पर्व अपनी रौनक और आस्था के साथ मनाए जाएँगे। आइए जानते हैं कब और कैसे मनाए जाएँगे ये प्रमुख उत्सव:
1. Major festivals of India in 2025 दिवाली (23 अक्टूबर 2025):
इतिहास और महत्व (History and significance):
दिवाली, जिसे “प्रकाश का त्योहार” कहा जाता है, भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाई जाती है। 2025 में यह 23 अक्टूबर को पड़ेगी।
कैसे मनाएँ? (How to celebrate?):
घर को दीयों और LED लाइट्स से सजाएँ।
लक्ष्मी-गणेश की पूजा करें और पटाखों से परहेज़ करें।
छोटी जानकारी: मेरे दादाजी कहते हैं, “दिवाली सिर्फ़ मिठाई का नहीं, माफ़ी का त्योहार है।”
2. होली (14 मार्च 2025):
तारीख और क्षेत्रीय विविधता (Date and regional variation):
होली 2025 में 14 मार्च को मनाई जाएगी। मथुरा-वृंदावन में “लट्ठमार होली” और पंजाब में “होला मोहल्ला” अनोखे अंदाज़ में मनाया जाता है।
स्वास्थ्य टिप्स (Health Tips):
हर्बल रंगों का इस्तेमाल करें।
त्वचा पर नारियल तेल लगाएँ।
3. ईद-उल-फ़ितर (30 मार्च 2025):
रमज़ान और ईद (Ramzan and Eid):
30 मार्च 2025 को ईद मनाई जाएगी। यह त्योहार रमज़ान के पवित्र महीने के बाद आता है।
परंपराएँ (Traditions):
सुबह की नमाज़ के बाद गले मिलना।
सेवइयाँ और बिरयानी बाँटना।
4. छठ पूजा (8 नवंबर 2025):
वैज्ञानिक पहलू (Scientific Aspects):
नदी किनारे खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देने से शरीर को विटामिन D मिलता है।
2025 की तैयारियाँ (Preparations for 2025):
घाटों पर सफ़ाई अभियान चलाए जा रहे हैं।
ईको-फ्रेंडली प्रसाद पर ज़ोर।
5. ओणम (10 सितंबर 2025):
केरल की शान (Pride of Kerala):
ओणम केरल का राजकीय त्योहार है, जो राजा महाबली की याद में मनाया जाता है।
विशेष आकर्षण (Special attractions):
पुलिकली (टाइगर डांस)।
सद्या (भोजन) में 26 व्यंजन।
2025 के अन्य प्रमुख त्योहार (Other major festivals of 2025):
| त्योहार | तारीख | राज्य |
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| बैसाखी | 14 अप्रैल | पंजाब |
| गणेश चतुर्थी | 29 अगस्त | महाराष्ट्र |
| दुर्गा पूजा | 1-5 अक्टूबर | पश्चिम बंगाल |
2025 के त्योहारों से जुड़े सवाल (FAQs):
Q: 2025 में रक्षाबंधन कब है?
A: 23 अगस्त 2025.
Q: क्या 2025 में ईद और होली एक साथ पड़ रही हैं?
A: नहीं, होली 14 मार्च और ईद 30 मार्च को है।
निष्कर्ष (Conclusion):
Major festivals of India in 2025 के ये त्योहार न सिर्फ़ हमारी संस्कृति को जीवित रखेंगे, बल्कि पर्यावरण-अनुकूल तरीकों से मनाए जाने की उम्मीद भी है। जैसे मेरी दादी कहती हैं, “त्योहार वो नहीं जो आप खर्च करते हैं, बल्कि वो हैं जो आप साझा करते हैं।
आज के दौर में त्योहारों को मनाने के तरीके भी बदल रहे हैं। लोग पारंपरिक रीति-रिवाजों को निभाते हुए आधुनिकता को भी अपना रहे हैं। दिवाली पर पटाखों की जगह दीयों और LED लाइट्स का उपयोग बढ़ रहा है, होली पर लोग केमिकल रंगों की बजाय हर्बल रंगों को अपना रहे हैं, और छठ पूजा के दौरान नदी तटों को साफ रखने की पहल की जा रही है। ये छोटे-छोटे बदलाव हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और सुंदर भविष्य की नींव रख सकते हैं।
त्योहारों की असली खुशी सिर्फ़ नई पोशाकें पहनने या स्वादिष्ट पकवान खाने तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह अपने प्रियजनों के साथ समय बिताने, पुराने गिले-शिकवे मिटाने और जरूरतमंदों की मदद करने में भी छिपी होती है। जैसे मेरी दादी हमेशा कहती हैं, “त्योहार वो नहीं होते जो हम अपने लिए मनाते हैं, बल्कि वे होते हैं जो हम दूसरों के साथ मिलकर साझा करते हैं।” इसलिए, 2025 में इन सभी त्योहारों को मनाते समय हमें न केवल अपनी परंपराओं का पालन करना चाहिए, बल्कि पर्यावरण और समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को भी निभाना चाहिए।
आइए, इस वर्ष के त्योहारों को केवल हर्षोल्लास तक सीमित न रखते हुए, उन्हें एक ऐसा अवसर बनाएं, जहाँ हम खुशी, प्रेम और सद्भाव का दीप जलाएं और भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर को अगली पीढ़ियों तक पहुँचाने का संकल्प लें।