Mukoli Bihu: असम का जीवंत उत्सव

परिचय (Introduction):

Mukoli Bihu भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य असम की संस्कृति विविधता और रंगीनता से भरी हुई है। हर साल, जब वसंत अपनी छटा बिखेरता है, तो यहां का सबसे बड़ा “Rongali Bihu” (रंगाली बिहू) पर्व जीवन में नई ऊर्जा भर देता है। इसी पर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है “मुकुली बिहू” (What is Mukoli Bihu?)—एक ऐसा खुला सांस्कृतिक उत्सव, जो युवाओं की उमंग, लोक नृत्य, संगीत और असमिया संस्कृति (Assamese Culture) की झलक देता है।

तो आइए जानते हैं कि मुकुली बिहू क्या है? (What is Mukoli Bihu?), इसका ऐतिहासिक महत्व, परंपराएं, आधुनिक स्वरूप, और इसकी भूमिका असमिया संस्कृति में कितनी गहरी है।

मुकुली बिहू की उत्पत्ति: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (Origin of Mukuli Bihu: Historical Background):

“मुकुली बिहू” (Mukoli Bihu) शब्द का अर्थ है “खुले में मनाया जाने वाला बिहू”। यह उत्सव प्राचीन समय से असम के ग्रामीण क्षेत्रों में खुले मैदानों, खेतों और गांव की गाँवों की चौपालों में उत्साह के साथ मनाए जाने वाले “रोंगाली बिहू” के समय, जब खेतों में फसलें पक जाती हैं और प्रकृति हरियाली से सज उठती है, तब “मुकोली बिहू” का जीवंत आयोजन होता है।

इसकी शुरुआत किसानों और ग्रामीण समुदाय के युवाओं द्वारा खेतों में समूह बनाकर लोक गीत गाने और Bihu dance प्रस्तुत करने से हुई थी। Mukoli Bihu, असमिया समाज की कृषि परंपराओं, प्रकृति के प्रति आभार, और उत्सव-प्रियता का प्रतीक माना जाता है।

यह उत्सव सदियों से सामूहिकता, प्रेम और सौहार्द का संदेश देता आ रहा है। मुकुली बिहू की सबसे खास बात है—इसका खुले स्थान पर, बिना किसी मंच या औपचारिक व्यवस्था के मनाया जाना।

Mukoli Bihu की परंपराएं: नृत्य, संगीत और वेशभूषा (Traditions of Mukuli Bihu: Dance, Music and Costumes):

Mukoli Bihu

Mukoli Bihu के दौरान असमिया संस्कृति (Assamese Culture) के अद्भुत रंग देखने को मिलते हैं। उत्सव का सबसे आकर्षक हिस्सा है Bihu dance—यह एक सामूहिक लोक नृत्य है, जिसमें युवतियां रंग-बिरंगे मेखला-चादर पहनकर, बालों में फूल सजाकर, और युवक पारंपरिक धोती-कुर्ता में, डोल (Dhol), पेपा (Pepa) और टाल (Taal) की धुन पर थिरकते हैं।

Bihu dance: एक जीवंत लोक नृत्य जिसमें हाथों और पैरों की लयबद्ध गतियों के साथ समूह में प्रस्तुति दी जाती है। Bihu songs: पारंपरिक लोक गीत, जो प्रेम, प्रकृति और फसल की खुशियों का वर्णन करते हैं। Musical Instruments: Dhol, pepa, gagana, और taal जैसे वाद्ययंत्रों का प्रयोग होता है।

Attire: महिलाएं पारंपरिक असमिया वस्त्र (mekhela chador), पुरुष सफेद धोती और रंगीन गमछा पहनते हैं। Mukoli Bihu असमिया लोक संगीत (Assamese Folk Music) और नृत्य के संरक्षण का सबसे बड़ा माध्यम है, जिसमें पीढ़ी दर पीढ़ी सांस्कृतिक विरासत आगे बढ़ती है।

रंगाली बिहू में मुकुली बिहू की भूमिका (Role of Mukoli Bihu in Rongali Bihu):

रोंगाली बिहू” असम का सबसे प्रमुख और जीवंत त्योहार है, जिसे मुख्य रूप से अप्रैल महीने में उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दौरान “मुकोली बिहू” इसका केंद्रीय आकर्षण होता है। यह उत्सव वसंत के स्वागत का प्रतीक है।

मुकुली बिहू के आयोजन से युवा वर्ग को अपनी संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिलता है।

यह पर्व कृषि चक्र और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का माध्यम है।

Bihu traditions के तहत, बड़े-बुजुर्ग आशीर्वाद देते हैं, जबकि युवा नृत्य-गीत के माध्यम से उत्सव को जीवंत बनाते हैं। Mukoli Bihu के आयोजन से न केवल संस्कृति का प्रचार होता है, बल्कि सामाजिक मेल-मिलाप, सामुदायिकता और सांस्कृतिक संवाद भी सशक्त होता है।

आधुनिक मुकुली बिहू: प्रतियोगिताएं और सामुदायिक आयोजन (Modern Mukuli Bihu: Competitions and Community Events):

Mukoli Bihu

समय के साथ Mukoli Bihu ने आधुनिक स्वरूप ग्रहण किया है। अब यह सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि शहरी क्षेत्रों, स्कूल-कॉलेज, और सांस्कृतिक मंचों पर भी इसका भव्य आयोजन होता है।

प्रत्येक वर्ष असम के विविध शहरों में बिहू नृत्य प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में युवा उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। समूह प्रदर्शन के साथ-साथ एकल गायन, वाद्य वादन, और पारंपरिक वेशभूषा प्रतियोगिताएं भी होती हैं। ये आयोजन Assamese festival के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय हो रहे हैं।

मुकोली बिहू असमिया संस्कृति का हृदय है। यह पर्व न सिर्फ परंपराओं को जीवित रखता है, बल्कि नवीनता, एकजुटता और सांस्कृतिक समृद्धि को भी प्रोत्साहित करता है।

असमिया संस्कृति में मुकुली बिहू का महत्व (Significance of Mukuli Bihu in Assamese culture):

मुकोली बिहू, असमिया उत्सव होने के अलावा, भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक है। यह एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जहां सभी लोग शामिल हो सकते हैं—चाहे वे दर्शक हों।

मुकुली बिहू युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ता है।

यह उत्सव असम के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न अंग है।

मुकुली बिहू के माध्यम से लोक नृत्य, संगीत, और परंपराएं पीढ़ियों तक जीवित रहती हैं।

Mukoli Bihu, Assamese festival होने के साथ-साथ, भारत की सांस्कृतिक विविधता का भी उत्सव है। यह एक ऐसा मंच है, जहां हर कोई भागीदारी कर सकता है—चाहे वह दर्शक हो या कलाकार।

निष्कर्ष (Conclusion):

मुकोली बिहू केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि समग्र असमिया संस्कृति का प्रतीक है। यह रोंगाली बिहू का सार है, जो लोक नृत्य, गीत-संगीत और सामुदायिक एकता के माध्यम से अपनी चमक बिखेरता है।

अगर आप असमिया संस्कृति को करीब से समझना चाहते हैं, तो एक बार Mukoli Bihu उत्सव में जरूर जाएं। यह न केवल आपकी आत्मा को छू जाएगा, बल्कि भारतीय संस्कृति की विविधता को भी महसूस कराएगा।

क्या आपने कभी मुकुली बिहू देखा है? अपनी राय या अनुभव कमेंट में जरूर शेयर करें!






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