परिचय (Introduction):
अली-आई-लिगांग असम के मिसिंग समुदाय का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। जो खेती से जुड़ा हुआ है यह त्यौहार नई फसलों आने की समय में मनाया जाता है। और कृषि से जुड़े लोगों के लिए यह बहुत ही महत्व होता है, यह फरवरी के महीने में मनाया जाता है। इस त्यौहार में पारंपरिक नित्य, संगीत, लोकनित्य, बहुत ही महत्व होता है, मिसिंग समुदाय के लोग इस त्यौहार पर कुछ खास व्यंजन तैयार करते हैं। जिम असम के स्थानीय सामग्रियों का भी उपयोग करते हैं, आईए इस लेख में हम अली-आई-लिगांग के अवसर पर बनाने वाले प्रमुख पारंपरिक व्यंजनों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
पिथा (Pitha):
पिथा असम का महत्वपूर्ण व्यंजन है, जो अली-आई-लिगांग के दौरान भी बनाया जाता है। यह चावल के आटे और गुड़ के मिश्रण करके तैयार किया जाता है, और यह हर त्यौहार में मनाया जाता है।
सामग्री (Material):
इसमें सबसे पहले चावल का आटा 2/ 3 कप।
गुड़ 1 कप।
कटा हुआ नारियल 1 कप।
तिल जरूरत के अनुसार।
घी 2 चम्मच।
बनाने की विधि (Method of preparation):
सबसे पहले चावल का आटा तैयार करें, और आटा छान ले ताकि उसमें कोई गांड ना रहे।
एक बड़े बर्तन में गुड़ और पानी डालकर उसे अच्छे से पिघले जब तक गुड़ अच्छी तरह से पिघल ना जाए।
जब गुड़ ठंडा हो जाएगा तब चावल के आटे में पिघला हुआ गुड़ डालें, और इसे अच्छी तरह से मिश्रण करें।
अब इसमें कटा हुआ नारियल और तिल मिलाकर तैयार करें।
अब इसमें नारियल और गुड़ का मिश्रण करें और यह बंदा कर दे।
पिथा तैयार होने के बाद गरमा-गरम परोसें। यह मिठाई त्योहार को और भी घास बनती है, और यह मिठाई सब लोग इकट्ठा होकर इसका आनंद उठाएं।
सिदो-मार (Sido-Mar):
सिदो मार मिसिंग समुदाय का एक खास व्यंजन है, जिसे खासतौर पर बनाया जाता है। यह चावल से मछली और चावल से बनाया जाता है, यह बनाना बहुत ही आसान है खासतौर पर अली-आई-लिगांग के समय में यह बनाया जाता है, इसमें मछली और पत्तेदार सांग का भी उपयोग किया जाता है।
सामग्री (Material):
इसमें सबसे पहले ताजा मछली के टुकड़े 500 ग्राम।
चावल 2 कप।
हल्दी पाउडर 1/ 2 चम्मच।
नमक स्वाद के अनुसार।
हरी मिर्च 2/ 3 कटी हुई।
सरसों का तेल पकाने के लिए।
अदरक-लहसुन का पेस्ट 2/ 3
पत्तेदार साग समय के अनुसार।
बनाने की विधि (Method of preparation):
सबसे पहले मछली ले और इसे अच्छी तरह से टुकड़ा करके धोए।
उसमें हल्दी और नमक लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दीजिए।
अब चावल को धोकर आग में हल्की तरह से पकाएं ताकि यह पूरी तरह से नरम हो जाए।
अब एक कटोरी में पकाने के लिए सरसों का तेल गर्म करें और उसमें अदरक-लहसुन, हरी मिर्च इत्यादि डालकर उसे अच्छे से भूने और फिर मछली डालें और उसे पकाए।
जब मछली अच्छी तरह से भून जाए तब उसमें पत्तेदार साथ भी डालें और उसे कम आग में अच्छे से पकाएं, इसमें थोड़ा पानी डालकर पूरी तरह से तैयार करें।
अब इसे पके हुए चावल के साथ पर उसे परोसे यह बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन होता है।
यह अली-आई-लिगांग के दौरान बनाया जाता है, मिसिंग समुदाय के लोग इसको बहुत ही महत्वपूर्ण मानते हैं और यह बहुत ही खास त्यौहार पर बनाया जाता है।
अपोंग (Apong):
अपोंग मिसिंग समुदाय का प्रिय पेय है। यह उन लोग हर दिन खाते हैं, और यह खाने से सेहत के लिए भी बहुत ही अच्छा होता है, और यह पौष्टिक भी होते हैं। यह हर मिसिंग समुदाय के हर त्यौहार में बनाया जाता है, यह उन लोगों का पारंपरिक प्रिय है जो हर त्यौहार पर बना ना हीं पड़ेगा। इसे चावल की बीयर से तैयार किया जाता है।
सामग्री (Material):
इसमें सबसे पहले चावल 1 किलो ग्राम चावल सफेद होना चाहिए।
हर्ब्स जड़ी बूटियां 100 ग्राम।
चावल की भूसी 100 ग्राम।
पानी आवश्यक अनुसार।
बनाने की विधि (Method of preparation):
सबसे पहले चावल को अच्छे से धोकर आग में भुने।
अब भुने हुए चावल में जड़ी बूटियां और चावल की भूसी मिश्रण करें।
यह मिश्रण अपोंग को एक हास्य स्वाद और महक देता है, मिश्रण किया हुआ चीज अब पानी में भीग कर रख दे 5-6 दिन तक।
5 दिन के बाद अपोंग तैयार हो जाएगा तो इसे छानकर सभी लोगों को परोसे।
हर एक त्यौहार का आनंद उठाए यह बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है, अली-आई-लिगांग के त्योहार पर यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रिय होता है।
नागिन (Nagin):
नागिन भी मिसिंग समुदाय का एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यंजन है। जिसे खासतौर पर बनाया जाता है, और यह पारंपरिक व्यंजन है अली-आई-लिगांग के दौरान भी यह व्यंजन बनाया जाता है। यह सूखी मछली और मसाले का उपयोग करके तैयार किया जाता है।
सामग्री (Material):
इसमें सबसे पहले सूखी मछली 200 ग्राम।
प्याज 2/ 3
लहसुन 4/ 5 पेस्ट।
अदरक 1 टुकड़ा।
हरी मिर्च 2/ 3
सरसों का तेल पकाने के लिए।
नमक स्वाद के अनुसार।
बनाने की विधि (Method of preparation):
सबसे पहले सूखी मछली को पानी में भीगा दे ताकि वह अच्छे से नरम हो जाए।
अब एक कटोरी में सरसों का तेल गर्म करें और मछली को हल्के से भुने।
अब प्याज लहसुन अदरक हरी मिर्च यह सब मिश्रण करके अच्छे से भुने।
अब मछली को मसाले में डालकर थोड़ा पानी दे और इसे अच्छे से पकाएं।
तैयार होने के बाद गरमा गरम चावल के साथ सभी लोगों को परोसे और इसका आनंद उठाएं।
एक बहुत ही पुष्टिकर स्वादिष्ट व्यंजन होता है, जो अली-आई-लिगांग दौरान बनाया जाता है और यह पारंपरिक व्यंजन है।
साग की सब्जी (Vegetables):
अली-आई-लिगांग के दौरान हरी पत्तेदार साहब की सब्जी भी बनाई जाती है। इसमें स्थानीय असम की साग और जड़ी बूटियां के साथ तैयार किया जाता है, और यह हर त्यौहार पर बनाया जाता है इसमें पौष्टिक और विटामिन भी होता है।
सामग्री (Material):
इसमें हरी पत्तेदार सांग तैयार करें।
लहसुन का पेस्ट 4-5
प्याज 1
सरसों का तेल पकाने के लिए।
नमक स्वाद के अनुसार।
बनाने की विधि (Method of preparation):
सबसे पहले हरि पत्तेदार सांग अच्छे से धोकर इसे काटे।
अब एक कटोरी में तेल डालकर गर्म करें और उसमें लहसुन प्याज अच्छे से भुने।
अब भुने हुए मसाले में साथ डालें और कम आग में अच्छे से पकाएं।
तैयार होने के बाद गरमा-गरम चावल के साथ परोसे और इसका स्वाद ले।
यह साग हर एक व्यक्ति के लिए बहुत ही खास होता है, क्योंकि इसमें पौष्टिक और विटामिन बहुत ज्यादा होता है। यह हर दिन खाना चाहिए ना की त्यौहार के दिन लेकिन इसका उपयोग हर त्यौहार में किया जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
अली-आई-लिगांग के दौरान बनाए जाने वाले ये पारंपरिक व्यंजन मिषिंग समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं। इन व्यंजनों में स्थानीय सामग्री और पारंपरिक पाककला की झलक मिलती है। चाहे वह पिथा हो या सिदो-मार, हर व्यंजन में त्योहार की खासियत और उसकी भावनाएं झलकती हैं।