Offbeat Temples to Visit During Rath Yatra Puri: छुपे हुए आध्यात्मिक गंतव्य और यात्रा गाइड

परिचय (Introduction):

Offbeat Temples to Visit During Rath Yatra Puri पुरी की रथयात्रा दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक घटनाओं में से एक है, जहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा का रथ निकाला जाता है। 2025 में यह उत्सव 1 जुलाई से शुरू होगा। लेकिन, भीड़ से दूर शांति और गहरी आध्यात्मिकता की तलाश करने वालों के लिए पुरी के आसपास कई Offbeat Temples मौजूद हैं, जो रथयात्रा के समय विशेष अनुष्ठानों और शांत वातावरण के लिए जाने जाते हैं।

Table of Contents

2025 में Offbeat Temples चुनने के फायदे (Benefits of choosing Offbeat Temples in 2025):

भीड़ से मुक्ति: मुख्य मंदिरों की लंबी कतारों से बचें।  

अनोखे अनुष्ठान: रथयात्रा से जुड़ी कम-ज्ञात रीतियाँ देखें।

प्राकृतिक सौंदर्य: ग्रामीण ओडिशा की हरियाली और शांति का आनंद लें।

2025 में पुरी रथ यात्रा के दौरान घूमने के लिए शीर्ष 5 अनोखे मंदिर (Top 5 Offbeat Temples to Visit During Rath Yatra Puri 2025):

1. साक्षी गोपाल मंदिर (Sakshi Gopal Temple):

Offbeat Temples to Visit During Rath Yatra Puri

स्थान: पुरी से 20 KM दूर, भुवनेश्वर रोड पर।  

2025 की विशेषता: रथयात्रा के दौरान यहां “दोलोत्सव” मनाया जाता है, जहां भगवान कृष्ण और राधा की झूला प्रतिमा सजाई जाती है।  

कैसे पहुंचें: पुरी से टैक्सी या बस (₹150-300)।

नजदीकी आकर्षण: बालीहाट्चंडी बीच।

2. चौरासी मंदिर (Chaurasi Temple, Konark):

Offbeat Temples to Visit During Rath Yatra Puri

स्थान: कोणार्क से 5 KM, चौरासी गाँव में।  

रहस्य: 84 (चौरासी) योगिनियों की मूर्तियों वाला यह मंदिर तांत्रिक परंपरा का केंद्र है।  

2025 अपडेट: जुलाई 2025 में विशेष योगिनी पूजा का आयोजन।  

सलाह: सूर्यास्त के बाद जाने से बचें।

3. अलरनाथ मंदिर (Alarnath Temple, Brahmagiri):

Offbeat Temples to Visit During Rath Yatra Puri

महत्व: मान्यता है कि रथयात्रा के 9 दिनों में भगवान जगन्नाथ यहां निवास करते हैं।  

विशेष भोग: “अलरनाथ खीरी” प्रसाद, जो केवल इसी समय मिलता है।

कैसे पहुंचें: पुरी से 25 KM, ऑटो-रिक्शा (₹400-500)।

4. बारहमासी मंदिर (Barahamasi Temple, Pipili):

Offbeat Temples to Visit During Rath Yatra Puri

खासियत: 12 महीनों के प्रतीक 12 शिवलिंग।  

रथयात्रा कनेक्शन: यहां रथयात्रा के दौरान “नवकलेवर” अनुष्ठान की तैयारियां देखी जा सकती हैं।

टिप: पिपली के प्रसिद्ध कढ़ाई वाले कपड़े यहां खरीदें।

5. लोकनाथ मंदिर (Lokanath Temple, Puri):

Offbeat Temples to Visit During Rath Yatra Puri

रहस्य: शिवलिंग पर हमेशा जल चढ़ता है, लेकिन स्रोत अज्ञात है।  

2025 में नया: नाइट आरती और भक्ति संगीत कार्यक्रम।

स्थान: पुरी शहर के बीचोंबीच, जगन्नाथ मंदिर से 1 KM।

Offbeat Temples की यात्रा के लिए 2025 ट्रैवल गाइड (2025 Travel Guide for Visiting Offbeat Temples):

ट्रैवल टिप्स: क्या करें और क्या न करें? (Travel Tips: What to do and what not to do?):

Offbeat Temples to Visit During Rath Yatra Puri

करें (do):

सुबह 5-7 बजे के बीच दर्शन करें (भीड़ कम)।  

स्थानीय गाइड की मदद लें (₹500-800/दिन)।  

हल्के सूती कपड़े पहनें।

न करें (Don’t.):

मंदिर परिसर में फोटो खींचने पर प्रतिबंध का उल्लंघन।  

प्लास्टिक की बोतलें ले जाना।

ठहरने की जगह और बजट (Accommodation and budget):

Offbeat Temples to Visit During Rath Yatra Puri

होमस्टे: ब्रह्मगिरि में आध्यात्मिक होमस्टे (₹800-1200/रात)।  

बजट होटल: पिपली में ओडिशा टूरिज्म की गेस्ट हाउस (₹1500/रात)।

लक्जरी: कोणार्क में स्टर्लिंग रिसॉर्ट (₹5000/रात)।

ट्रांसपोर्टेशन अपडेट्स 2025 (Transportation Updates 2025):

Offbeat Temples to Visit During Rath Yatra Puri

नई शटल सर्विस: पुरी-कोणार्क-ब्रह्मगिरि के बीच AC बसें (₹200/यात्री)।

बाइक रेंटल: पुरी रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रिक बाइक उपलब्ध (₹300/दिन)।

Offbeat Temples और स्थानीय संस्कृति (Offbeat Temples and Local Culture):

रथयात्रा से जुड़े अनोखे अनुष्ठान (Unique rituals associated with Rath Yatra):

Offbeat Temples to Visit During Rath Yatra Puri

दही हांडी उत्सव (बारहमासी मंदिर): भक्तों द्वारा मटकी फोड़कर दही-चावल बांटना।

संध्या आरती (लोकनाथ मंदिर): शाम 7 बजे शंख और घंटियों की ध्वनि के साथ।

स्थानीय व्यंजन और प्रसाद (Local cuisine and offerings):

खास पकवान: अलरनाथ मंदिर की “खीरी”, पिपली के “चेना पोड़ा”

कहां खाएं: ब्रह्मगिरि में “अन्नपूर्णा भोजनालय”

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):

क्या ये मंदिर सुरक्षित हैं?  

हां, ओडिशा पुलिस ने 2025 में इन मंदिरों के आसपास CCTV और टूरिस्ट हेल्पडेस्क बढ़ाए हैं।  

क्या गैर-हिंदू यात्री इन मंदिरों में जा सकते हैं?  

जी हां, लेकिन कुछ मंदिरों (जैसे लोकनाथ) में गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है।

रथयात्रा 2025 की तारीखें क्या हैं? (What are the dates of Rath Yatra 2025?):

रथ निर्माण: 10 जून 2025 से।

मुख्य उत्सव: 1 जुलाई 2025 (रथ खींचने की रस्म)।

निष्कर्ष (Conclusion):

बुकिंग: जून 2025 से पहले होमस्टे और ट्रैवल गाइड बुक करें।  

संस्कृति का सम्मान: मंदिरों के नियमों का पालन करें और स्थानीय लोगों से जुड़ें।

यादें: हाथ से बनी पिपली कढ़ाई और कोणार्क की पत्थर की नक्काशी खरीदें।  


  

  

 

  

   


  


 

  

  

  

  

  


 


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